इंडियन नेवी में सब लेफ्टिनेंट बना बुनकर का बेटा, कारगिल युद्ध में पिता के ख्वाब को किया पूरा
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इंडियन नेवी में सब लेफ्टिनेंट बना बुनकर का बेटा, कारगिल युद्ध में पिता के ख्वाब को किया पूरा

Mau News:  यूपी के मऊ जिले में एक बुनकर के बेटे ने जिले का नाम रोशन किया है.  इम्तियाज अहमद ने बेटे की सफलता को लेकर बताया कि कारगिल लड़ाई के दौरान से उनका सपना था कि बेटा आर्मी में जाकर देश सेवा करे.

इंडियन नेवी में सब लेफ्टिनेंट बना बुनकर का बेटा, कारगिल युद्ध में पिता के ख्वाब को किया पूरा

मऊ: 'मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है.' इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है यूपी के मऊ जिले के एक बेटे ने. मऊ की पहचान बुनकर बाहुल्य क्षेत्र के तौर पर होती है. यहां के ज्यादातर लोगों की आजीविका का यही एक साधन है. लेकिन इन विषम परिस्थियों के बीच भी मऊ जिले के एक लाल ने इंडियन नेवी में सब लेफ्टिनेंट बनकर जिले का नाम रोशन किया है. बेटे की सफलता पर परिवार वालों ने मिठाई खिलाकर बधाई दी है और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है.

आपको बता दें शहर के नवापुरा पूरब मोहल्ले के रहने वाले इम्तियाज अहमद के बेटे शाह फहद इंडियन नेवी में सब लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हुआ है. जिसको लेकर परिवार वालों में खुशी का माहौल है. इम्तियाज अहमद एक बुनकर हैं, जिन्होंने आर्थिक मंदी में अपने बच्चे को बड़ी मुश्किल से पढ़ाया है. कक्षा एक से पांच तक शाह फहद ने प्राथमिक विद्यालय से पढ़ाई की थी. फिलहाल बुनकर के बेटे ने पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया.

इम्तियाज अहमद ने बेटे की सफलता को लेकर बताया कि कारगिल लड़ाई के दौरान से उनका सपना था कि बेटा आर्मी में जाकर देश सेवा करे. मुझे आज गर्व है कि उनका बेटा देश सेवा करेगा. उन्होंने बताय कि बेटे को शिक्षा के लिए आर्मी स्कूल रीवा में भर्ती कराया. जहां 12वीं पास करने के बाद एनडीए पास करने के बाद उसको केरल के अजरीमाला में पोस्टिंग मिली है. उन्होंने बताया कि बड़ी परेशानी से पढ़ाई का खर्च उठाया है. लेकिन बेटे ने सफलता हासिल कर परिवार के साथ जिले का मान बढ़ाया है. 

शाह फहद ने अपनी सफलता को लेकर बताया कि 26 नवंबर 2022 को इंडियन नेवल एकेडमी से वह सब लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हुए हैं.उनकी सफलता का श्रेय पिता को जाता है,  पूरे परिवार ने आर्थिक-मानसिक हर तरह से उनका सपोर्ट किया.  पिता का सपना था कि वह आर्मी ज्वाइन कर देश सेवा करें, जिसे उन्होंने पूरा किया है. शुरुआती शिक्षा के बारे में उन्होंने बताया कि प्राइमरी की शिक्षा उन्होंने मऊ से ही ली है. इसके बार रीवा आर्मी से 6 से 12वीं तक पढ़ाई की. युवाओं को सफलता को लेकर उन्होंने कहा कि मेहनत और लगन के बिना कुछ भी हासिल नहीं हो सकता है. 

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