Mahabharat Prasang: मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन की शुरुआत महाभारत काल में हुई. महाभारत युद्ध के दौरान एक प्रसंग आता है, जब सुदर्शन चक्र से भगवान कृष्ण की उंगली पर चोट लग जाती है. तभी द्रौपदी बिना कुछ सोचे समझे अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर कृष्ण की उंगली पर बांध देती हैं.
Trending Photos
Raksha Bandhan 2022: श्रावण माह के पूर्णिमा के दिन प्रतिवर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है. बहन, भाई के लंबे और बेहतर जीवन की कामना करती है. वहीं, भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है. इस बार गुरुवार के दिन 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व है. इस दिन से कई प्रसंग भी जुड़े हैं. आइए आपको बताते हैं रक्षाबंधन से जुड़ा भगवान कृष्ण का रोचक प्रसंग.
महाभारत काल से हुई रक्षाबंधन की शुरुआत
जानकारों की माने तो रक्षाबंधन की शुरुआत महाभारत काल में हुई. महाभारत युद्ध के दौरान एक प्रसंग आता है, जब सुदर्शन चक्र से भगवान कृष्ण की उंगली पर चोट लग जाती है. चोट के कारण भगवान की उंगली से खून बहने लगता है. तभी ये सब द्रौपदी देखती है, जिसके बाद बिना कुछ सोचे समझे वह अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर भगवान कृष्ण की उंगली पर बांध देती हैं. ऐसी मान्यता है कि तभी से कपड़े का वह टुकड़ा पवित्र धागे की निशानी बन गया.
Sugar Side effects: चीनी कर रही आपके शरीर को बीमार, दिखे ये लक्षण तो हो जाए सावधान!
भगवान कृष्ण मुस्कुराते हुए देखते रहे
भगवान वासुदेव कृष्ण यह सब कुछ चुप्पी साधे हुए देख रहे थे. द्रौपदी के ऐसा करने पर वह उनकी जीवन भर रक्षा करने का वचन देते हैं. जिसके बाद रामायण में चौपड़ के दौरान पांडव पांचाली द्रौपदी को हार जाते हैं, तब भरी सभा में उसे बाल खींच कर बुलाया जाता है. सभा के बीच दुशासन द्रौपदी की साड़ी खींचता है. मुसीबत की इस घड़ी में वह अपने भाई श्री कृष्ण को याद करती हैं. जिसके बाद भगवान कृष्ण चीर हरण के समय दौपदी के चीर को बढ़ाकर अपना वादा पूरा करते हैं.
यह थी रक्षाबंधन की कहानी
ऐसा माना जाता है कि इस घटना के बाद से ही रक्षा बंधन मनाया जाता है. इस दिन बहन भाई की कलाई पर और माथे पर 'तिलक' लगाकर भाई से अपनी रक्षा का वचन लेती है. भाई के प्रति बहन के बिना शर्त प्रेम और विश्वास का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
Tour Package: IRCTC आपके लिए बेहद शानदार ऑफर, कश्मीर घूमने का हाथ से जाने न दें मौका
शुभ मुहूर्त में ही बांधे राखी
यह तो था भगवान कृष्ण से जुड़ा रोचक प्रसंग. आपको बता दें कि इस रक्षा बंधन पर अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधने का समय अधिक मिल रहा है. हिंदू पंचाग के अनुसार रक्षा सूत्र यानी राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजे 38 मिनट से रात 9 बजे तक है. बहनें इस बीच अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं.
Barabanki Flood: कुछ सेकंड में धराशायी हुआ सदियों पुराना पेड़, वीडियो उड़ा देगा आपके होश!