Mulayam Singh Yadav Death: इस गांव में मुलायम सिंह आखिरी बार 2014 में आए थे, जब उनके चचेरे भाई गिरवर सिंह की तबीयत खराब थी.
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प्रमेंद्र कुमार/फिरोजाबाद: समाजवादी पार्टी के संरक्षक नेताजी मुलायम सिंह यादव का आज मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है. वहीं मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव इटोली में शोक की लहर है. राजनीति के इस सूर्य का अस्त हो गया.
सैफई से पहले इटोली में रहता था मुलायम सिंह यादव का परिवार
अगर मुलायम सिंह की जीवन परिचय की बात करें तो सपा संस्थापक का पूरा परिवार इटावा के सैफई से पहले फिरोजाबाद जिले के गांव इटोली में रहता था.नेताजी के बाबा मेवाराम सैफई जाकर रहने लगे और फिर वहीं मुलायम सिंह यादव के बाकी चाचा और पिताजी सुघर सिंह का जन्म हुआ. उसके बाद मुलायम का जन्म सैफई में हुआ. लेकिन उनका वहां बहुत कम मन लगता था इसलिए वह अपने पैतृक गांव इटोली में आ जाते थे. नेता जी कई दिनों तक वहां पर रहते थे.
इटोली गांव में रहकर की पढ़ाई
मुलायम सिंह शिकोहाबाद में इटोली गांव में रहकर आदर्श कृष्ण (a.k) कॉलेज में पढ़ाई की थी. वे अपने मित्रों के साथ इटोली गांव से पैदल उस समय शिकोहाबाद स्थित आदर्श कृष्ण कॉलेज में पढ़ाई करने आते थे. मुलायम सिंह गांव के युवकों के साथ पशु चराने भी जाते थे. उन्होंने गांव में रहकर कुश्ती भी लड़ी.
मक्के की रोटी और चना के साग बहुत पसंद
वहीं अगर मुलायम सिंह यादव के खाने की पसंद की बात करें तो उन्हें खाने में सबसे ज्यादा मक्के की रोटी और चना का साग पसंद था. ये बात उनकी रिश्ते में लगने वाली भाभी ने कही. उन्होंने कहा वो बड़े चाव से साग-रोटी खाते थे.
पैतृक गांव में की जा रही पूजा-पाठ
इस गांव में मुलायम सिंह आखिरी बार 2014 में आए थे, जब उनके चचेरे भाई गिरवर सिंह की तबीयत खराब थी. नेता जी के भतीजे उदयराज से फोन पर बात हो जाती थी. वह भाई का हाल-चाल पूंछ लिया करते थे.
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