Jaunpur News: ग्रामीणों ने खुद से गांव में एक पार्क बनवाया है. इस पार्क में चंदा लेकर शहीद जिलाजीत यादव का स्मारक भी लगवाया है, लेकिन सरकार के द्वारा किए गए वादे अभी भी पूरे नहीं हुए हैं.
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अजीत सिंह/जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 'शहीदों की चिंताओं पर लगेंगे हर वरस मेले मरने वालों का यही आखरी निशा होगा' जी हां ये पंक्तियां सुनने के बाद शरीर मानो सिहर सा जाता हैं, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है. सिर्फ वादे कर परिजनों और जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है. जिसका जीता जागता उदाहरण जिले के शहीद हुए लाल जिलाजीत हैं. उन्हें शहीद हुए 2 साल पूरा हो गया है, लेकिन सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया. शहीद के परिजनों को सहयोग राशि तो मिल गई, लेकिन शहीद के पत्नी की नौकरी अभी प्रोसेस में है. अभी तक उनके नाम से न ही गेट लगा न स्कूल का नाम बदलाया न सड़के बानी इसको लेकर परिजन दुखी हैं.
अभी तक नहीं मिली पत्नी को नौकरी
जलालपुर थाना क्षेत्र के सिरकोनी विकासखंड के इजरी गांव निवासी बहादुर जिलाजीत यादव 12 अगस्त 2020 को पुलवामा में एक सर्च ऑपरेशन के तहत आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. उनको शहीद हुए लगभग 2 वर्ष होने वाला है, लेकिन सरकार ने अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया. केवल उनके परिवार को आर्थिक सहायता ही मिली है. सरकार ने उनके घर तक रोड बनवाने, उनकी मूर्ति लगवाने तथा शहीद गेट बनवाने का आश्वासन परिवार वालों को दिया था, लेकिन आज तक कोई वादा पूरा नहीं हुआ. शहीद जिलाजीत अपने मां-बाप के एकलौती संतान थे. उनका एक बेटा जो लगभग अभी 3 वर्ष का है. पिता की मौत पहले हो चुकी थी. तीन बहनों के साथ मां पत्नी की परवरिश की भी जिम्मेदारी शहीद जिलाजीत के कंधों पर थी.
जिम्मेदारों से मिल रहा सिर्फ आश्वासन
शहीद के चाचा राम अकबाल यादव ने कहा कि मैं शासन प्रशासन सबसे गुहार लगाया. विधायक से मंत्री तक के पास गया, लेकिन केवल आश्वासन पर आश्वासन ही मिला. अभी तक वादा पूरा नहीं किया गया. उन्होंने कहा, शहीद की स्मारक गांव के लोग ने अपने सहयोग से चंदा लगा कर के पार्क बनवाया. इसमें प्रशासन और शासन का कोई सहयोग नहीं मिला.शहीद जिलाजीत यादव के पड़ोसी शिव संत यादव ने बताया कि जब कोई जवान देश की सीमा पर रक्षा करते हुए शहीद होता है तो सरकारे बड़े-बड़े दावे और वादे करती हैं, लेकिन उसको पूरा करने में कई दशक बीत जाते हैं. कभी-कभी तो कई वादे पूरे ही नहीं किए जाते. सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए. सेना के जवान के बलिदान के कारण ही हम लोग सुरक्षित हैं. सरकार ने जिलाजीत यादव के परिवार से जितना वादा किया अभी तक कोई भी पूरा नहीं किया.
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वहीं, शहीद जिलाजीत यादव की मां उर्मिला देवी ने बताया कि जो भी वादा किया गया था. वह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है. हालांकि गांव के लोग शहीद परिवार का सम्मान तो करते हैं, लेकिन सरकार द्वारा जो भी वादे किए गए थे वह पूरा नहीं हुआ. उन्होंने सरकार से अपील की है कि जो वादा किया गया था उसे पूरा करें.शहीद परिवार के बारे में जानकारी देते हुए गांव के लोगों ने बताया कि जो भी सरकार द्वारा वादे किए गए वो पूरे नहीं हुए हैं उस समय कहा गया था कि शहीद के नाम से गेट बनेगा और गांव का सड़क, शहीद के नाम से ही बनेगा और पार्क बनाने की बात कही थी नहीं बना. एक पार्क बनवाया गया गांव के लोगों ने चंदा लेकर शहीद जिलाजीत यादव का स्मारक लगवाया गया इसमें भी सरकारी योगदान नहीं है.
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