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विनय तिवारी/गोरखपुर: मुख्यमंत्री और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ कार्ययोजना बनाकर निर्णायक लड़ाई शुरू कर दी है. नशे के सौदागर वर्तमान पीढ़ी के भविष्य से खिलवाड़ न कर सकें, इसके ध्यान में रखकर ड्रग व जहरीली शराब के माफियाओं पर सख्ती के लिए कमर कस ली गई है. सभी युवा सरकार के इस अभियान का हिस्सा बनकर प्रदेश को नशामुक्त करने में, सबको स्वस्थ रखने में अपना योगदान दें.
सीएम योगी रविवार ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम बालापार गोरखपुर के प्रथम स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की. साथ ही इस उपलक्ष्य में 22 अगस्त से चल रहे युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज स्मृति सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला के समापन समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हर चुनौती को हमें अवसर के रूप में लेना चाहिए और परिणाम की तात्कालिक चिंता किए बगैर चुनौती से निपटने की कार्ययोजना बनाकर शुरुआत कर देनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ''अथ'' पर ध्यान देने की बजाय ''इति'' की चिंता करने लगते हैं. यानी काम शुरू करने से पहले ही उसके परिणाम की चिंता करने लगते हैं. कठिनाई यहीं से शुरू होती है. लक्ष्य की ओर अग्रसर होते समय कार्य की शुरुआत कैसे करनी है, इसका ध्यान आवश्यक है न कि इसके लिए चिंतित हो जाना कि परिणाम क्या होगा.
सीएम ने कहा कि यदि हम भगवान श्रीकृष्ण के दिए ज्ञान ''कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन:'' का अनुसरण करते हुए कार्य की अच्छी शुरुआत करेंगे तो उसकी शानदार सफलता कार्य प्रारंभ होने के साथ ही परिलक्षित होने लगेगी. कार्य की अच्छी शुरुआत होगी तो कोई भी बाधा, कोई भी ताकत सफलता हासिल करने से नहीं रोक सकती. उन्होंने कहा कि इसी धारणा को अंगीकार कर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने अपने कदम बढ़ाए और चुनौतियों के बावजूद सफल परिणाम एक साल के कम समय में ही दिख रहा है.