किसानों से जुड़े मुद्दे बहुत ही संवेदनशील होते हैं. कुछ महीने पहले हमने देखा था कि कैसे तीन कृषि कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन का दौर चला. अब उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में पराली को लेकर किसान और प्रशासन आमने-सामने हैं.
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सतीश कुमार/उधम सिंह नगर: उत्तराखंड के जनपद उधम सिंह नगर में पराली को जलाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा आदेश पारित किए गए हैं. इसको लेकर किसानों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. शासन और प्रशासन को चेतावनी देते हुए उप जिला मजिस्ट्रेट काशीपुर कार्यालय में किसानों का जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला. यहां धरने पर बैठे किसानों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बताया जा रहा है कि जिला मजिस्ट्रेट युगल किशोर पंत द्वारा फसल कटाई के बाद बचे अवशेष पराली जैसे अवशेषों को जलाने की रोक को लेकर आदेश पारित किया है. इस आदेश के मुताबिक कोई भी खेतों में पराली या फिर बचे अवशेष को जलाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
किसानों ने दी चेतावनी
अब पराली न जलाने के आदेश को लेकर किसान नाराज है. सैंकड़ों आक्रोशित किसानों ने डीएम के इस फैसले का विरोध करते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए कहा कि डीएम द्वारा पराली न जलाने को लेकर आदेश दिए गए थे जिसका हम विरोध करते थे. इतना ही नहीं किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द आदेश वापस लिया जाए. यदि ऐसा नहीं होता है तो बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. किसानों की नाराजगी से अब प्रशासन के लिए चुनौती बढ़ती दिख रही है.
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किसानों को दें विकल्प
यह बात सच है कि पराली पर्यावरण के लिए एक बड़े संकट के रूप में सामने आया है. लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन को किसानों को भरोसे में लेकर ही कोई पहल करनी होगी. बेहतर होगा कि पराली समस्या के समाधान के लिए तकनीक और नवाचार का सहारा लिया जाए. एग्री वेस्ट से एनर्जी और खाद बनाने के कार्यक्रम इसमें सहायक हो सकते हैं.