Noida Ghaziabad me saste flat: दिल्ली-एनसीआर में गंभीर होते वायु प्रदूषण के बाद निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. रियल एस्टेट डेवलपर्स ने निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं में देरी को लेकर चिंता जताई है.
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दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप 4 लागू होने और बारिश के बावजूद प्रदूषण गंभीर स्तर बना हुआ है. निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स पर रोक लगा दी गई है. माना जा रहा है कि सर्दी बढ़ने के साथ प्रदूषण और ज्यादा खतरनाक स्तर पर होगा. ऐसे में निर्माणाधीन रियल एस्टेट परियोजनाओं पर रोक की अवधि दिसंबर जनवरी तक बढ़ाई जा सकती है.दिल्ली एनसीआर के डेवलपर्स के अनुसार, इस प्रतिबंध से प्रोजेक्ट की डिलीवरी में देरी होगी. घर खरीदारों पर भी असर पड़ेगा.
रियल एस्टेट पर असर
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने भी चिंता जताई है. क्रेडाई अध्यक्ष मनोज गौड़ का कहना है कि निर्माण पर एक महीने की पाबंदी से प्रोजेक्ट 2-3 महीने देरी का शिकार हो जाता है. इससे परियोजनाओं में कार्यरत मजदूर की मजदूरी पर असर पड़ेगा.
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा, ग्रैप नियमों के बाद निर्माण कार्यों पर बुरा असर पड़ता है और सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले रियल एस्टेट के विकास की गति धीमी हो जाएगी. पहले से ही देरी से चल रही आवासीय परियोजनाओं में और देरी होगी.
मिगसन के मैनेजिंग डायरेक्टर यश मिगलानी ने कहा किऐसे आदेशों से न केवल मजदूरों की दैनिक मजदूरी पर असर पड़ेगा. प्रोजेक्ट की समय सीमा भी पटरी से उतरने से और देरी हो सकती है.
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि एयर क्वालिटी को नियंत्रण में लाने के लिए ऐसी पाबंदी की आवश्यकता है, लेकिन देरी से चल रही आवासीय परियोजनाओं में और देरी होगी. कोविड के बाद घर खरीदार भी चाहते हैं कि उन्हें समय पर मकान मिले. हर साल सरकार प्रदूषण के स्तर को लेकर दीर्घकालिक समाधान निकालने की जरूरत है.