AIIMS doctor commits suicide: देश में रेप और छेड़खानी के बढ़ते मामलों के बीच प्रयागराज में भी ऐसा ही एक केस सामने आया है. यहां रेप के झूठे केस में फंसाने की धमकी से परेशान से एक डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया. परिजन अब दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एम्स के एक डॉक्टर ने फांसी लगाकर खुद को मौत के घाट उतार लिया. पुलिस ने मृतक के कमरे से दो पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद किया है. सुसाइड नोट में आत्महत्या का कारण प्रेमिका को बताया है. अब डॉक्टर के पिता ने बेटे की प्रेमिका और उसके भाई के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
बताया जा रहा है कि घटना प्रयागराज के अल्लापुर इलाके की है. यहां रायबरेली एम्स में पदस्थ डॉक्टर सुभाष किराए के कमरे में कहते थे. जानकारों ने बताया कि उन्होंने कन्नौज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी. इसके बाद वे रायबरेली एम्स में प्रैक्टिस कर रहे थे. गुरुवार सुबह उनके फोन न उठने और मकान का दरवाजा बंद पर पड़ोसियों ने पुलिस को ख़बर दी.
सूचना पर पहुंची पुलिस मकान का दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया. पुलिस ने देखा कि कमरे में डॉक्टर सुभाष का शव फंदे से लटका हुआ था. कमरे की तलाश में पुलिस को दो पन्नों का सुसाइड नोट बरामद किया. पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के बाद परिवार वाले भी मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
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आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट में डॉक्टर सुभाष ने लिखा कि ''मैं प्यार के चक्कर में बर्बाद हो गया, मेरी मौत के मेरी प्रेमिका और उसका भाई जिम्मेदार है.उन्होंने लिखा कि ''9 लाख रुपए देकर चंद्रप्रभा (प्रेमिका) को अस्पताल में नर्सिंग अफसर बनवाया' अब वो मुझे ब्लैकमेल कर रही है. जहां भी मेरी शादी तय होती है, वहां से तुड़वा देती है. इसका भाई धमकी देता है कि तुम्हें बलात्कार केस में फंसवा दूंगा. नोट में लिखा है कि वे कहते हैं, न जीने देंगे न मरने देंगे, ऐसे ही तड़पाते रहेंगे.''
गर्लफ्रेंड और उसके भाई पर केस दर्ज
इसके बाद डॉक्टर सुभाष के पिता अभिमन्यु यादन ने बेटे की प्रेमिका और उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. अभी कुछ दिन उत्तर प्रदेश का ही एक मामला एसडीएम ज्योति मौर्य का सामने आया था, जिसमें उनके पति ने उन पर बेवफाई का आरोप लगाया. ताजा मामले में मृतक ने जिस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं, उस पर न सिर्फ तफ्तीश की जरुरत है. बल्कि ब्लैकमेलिंग और कानून को ठेंगे पर रखने के बढ़ते ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है.
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