Umes Pal Shootout Prayagraj: उमेश पाल हत्याकांड ने एक बार फिर 18 साल पहले बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के जख्मों को ताजा कर दिया है. शुक्रवार को राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश की ठीक उसी तरह गोली और बम से मारकर हत्या कर दी गई है.
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Raju Pal Shootout Case Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुक्रवार शाम को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल को गोली मार दी गई. घायलवस्था में उमेश पाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने मौत की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इस गोलीकांड में दो सिपाही की हालत बेहद गंभीर है. एक सिपाही को वेंटीलेटर पर रखा गया है. उनके मुताबिक, शाम करीब 4.30 बजे घर के ठीक बाहर हमला हुआ. चार से पांच हमलावरों ने गोली और बम मारकर घटना को अंजाम दिया. पूरे घटनाक्रम में माफिया अतीक अहमद का नाम सामने आ रहा है. पुलिस के मुताबिक, तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज होगा. पुलिस सीसीटीवी फुटेज समेत कई अन्य साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रही है. फिलहाल सुलेम सराय इलाके में एक बार फिर दिनदहाड़े हुए इस गोलीकांड से पूरा शहर दहल उठा है.
क्या था राजू पाल हत्याकांड मामला?
बसपा विधायक रहे राजू पाल की हत्या को 18 साल हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक, राजू पाल के गांव के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. 25 जनवरी 2005 को राजू उसके परिजनों से मिलने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे. वहां से लौटते समय कुछ लोग उनकी गाड़ी का पीछा करने लगे. गाड़ी वो खुद ही चला रहे थे. जैसे ही राजू पाल की गाड़ी नेहरू पार्क पहुंची, उनकी गाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया गया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. अमितदीप मोटर्स के पास घटनास्थल पर गोलियों से छलनी Qualis और Scorpio गाड़ी से घायलों को बाहर निकाला गया. घायल अवस्था में लहूलुहान राजू पाल को टेंपो पर लादकर जीवन ज्योति हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस शूटआउट में संदीप यादव और देवीलाल भी मारे गए थे. राजू पाल के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ तो उनके शरीर से करीब डेढ़ दर्जन गोलियां निकाली गई थीं. दिनदहाड़े हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था.
हत्याकांड के 10 दिन पहले हुई थी राजू पाल की शादी
हत्या से 10 दिन पहले ही राजू पाल की पूजा से शादी हुई थी. घटना के बाद विधायक राजू पाल की नवविवाहिता पत्नी पूजा पाल ने धूमनगंज थाने में तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद, उनके छोटे भाई अशरफ, करीबियों फरहान, आबिद, रंजीत पाल, गुफरान, समेत नौ लोगों के खिलाफ धारा मुकदमा दर्ज कराया था. अतीक अहमद तब फूलपुर से सपा सांसद था. अतीक के भाई अशरफ को चार महीने पहले ही अक्टूबर 2004 में हुए शहर पश्चिमी विधानसभा के उपचुनाव में राजू पाल के हाथों हार झेलनी पड़ी थी.
अतीक अहमद पर तय हो चुके आरोप
अक्टूबर 2022 में इस मामले के मुख्य आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद पर आरोप सिद्ध हुए. सीबीआई कोर्ट ने अतीक अहमद के खिलाफ दंगा, क्रिमिनल कॉन्सपिरेंसी, बलवा जैसे मामलों में आरोप सिद्ध किए. बता दें कि अतीक अहमद मौजूदा वक्त में गुजरात के साबरमती जेल में बंद है.
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