क्रोध और कलह को काबू में करता है मोती, बस धारण करने का सही तरीका और नियम जान लें तो मिलेगी शांति
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क्रोध और कलह को काबू में करता है मोती, बस धारण करने का सही तरीका और नियम जान लें तो मिलेगी शांति

Pearl Benefits: आज हम आपको एक ऐसे रत्न (Gemstone) के बारे में बता रहे हैं (Astro Tips), जिसे धारण करने से आपका गुस्सा मोम की तरह पिघलेगा और आपको गुस्सा कम आएगा...ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती, चंद्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसे में इसे धारण करने से चंद्र ग्रह भी शांत रहता है...

प्रतीकात्मक फोटो

Astrological Benefits of Pearl: आजकल लोग राशि और नाम के हिसाब से भी रत्न या मोती धारण करते हैं. सफेद मोती को धारण करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा तभी ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा. इस बात का ख्याल रखना है कि मोती आपकी राशि के अनुसार हो और इसे सही गृह नक्षत्र में इसे आपने धारण किया हो. आइए जानते हैं कि सफेद मोती किस समय और किन लोगों को धारण करना चाहिए.

ज्योतिष और रत्न शास्त्र में बताया गया है कि रत्न हमारी कुंडली में मौजूद ग्रहों की शुद्धता को बढ़ाने का काम करते हैं. हर एक रत्न किसी न किसी ग्रह से सम्बंधित होता है, लेकिन किसी भी व्यक्ति को बिना किसी विद्वान की सलाह के रत्न नहीं पहनना चाहिए. मोती उन खूबियों से भरे रत्नों में से एक है जिसके बारे में ज्यादातर ये कहा जाता है कि ये सभी को फायदा देता है. पर कुछ राशियों के लिए ये सही साबित नहीं होता है.

इन बातों का रखें ख्याल
शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को मोती धारण करना शुभ माना जाता है. इस आप पूर्णिमा के दिन भी पहन सकते हैं.  ज्योतिष के मुताबिक, करीब 7 से 8 रत्ती का मोती धारण करना शुभ होता है. मोती को गंगाजल या गाय के कच्चे दूध में 10 मिनट भिगोने के बाद पहनें.

मोती धारण करने से पहले करें ये जाप
मोती धारण करने से पहले ऊं चंद्राय नम का 108 बार जाप करें.

रत्न विज्ञान के विशेषज्ञों का मानना है कि जो लोग बेहद भावुक किस्म के होते हैं या जिन्हें जरूरत से ज्यादा गुस्सा आता है, उनके लिए मोती दुष्प्रभाव लेकर आता है। वहीं, बताया जाता है कि मोती को दूसरे रत्न जैसे कि हीरा, पन्ना, नीलम व गोमेद के साथ नहीं पहनना चाहिए।

कब पहनें मोती
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक मोती पहनने से पहले इस गंगाजल में डाल लेना चाहिए.  फिर भगवान शिव को ये रत्न अर्पित करें और उसके बाद धारण करें. सोमवार की रात को इस रत्न को तर्जनी यानी हाथ की सबसे छोटी उंगली में पहनें.

किस उंगली में पहनें मोती
जिस हाथ से आप ज्यादा काम करते हैं, उस हाथ की छोटी उंगली में मोती पहनना चाहिए. मोती ज्यादातर चांदी में ही पहना जाता है. इस बात का भी ख्याल रखना है कि नीलम या गोमेद और मोती को एक साथ नहीं पहनना चाहिए. ज्योतिष में बताया गया है कि इससे मानसिक परेशानी हो सकती है.

राशि का रखें ध्यान 
ऐसा कई लोगों का कहना है कि सफेद मोती सभी के लिए फायदेमंद होता है. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि सभी रत्न बारहों राशियों के जातकों के लिए शुभ फल देने वाले नहीं होते हैं.  रत्नों को धारण करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है. कर्क राशि के लोगों के लिए जहां मोती पहनना उत्तम साबित होता है, वहीं वृष, कन्या, मकर और कुंभ लग्न वालों के लिए मोती अच्छा नहीं माना जाता. मोती पहनने से पहले देख लें कि आपकी राशि कौन सी है. बताया जाता है कि मोती का स्वामी चंद्रमा होता है, ये रत्न विशेष रूप से कर्क राशि वालों के लिए लाभकारी होता है.. इसे धारण करने से गुस्सा कम आता है और लोग स्वस्थ भी रहते हैं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

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