Dev Uthani Ekadashi 2023: कब है देवउठनी एकादशी, नोट करें तारीख के साथ शुभ मुहूर्त
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1891130

Dev Uthani Ekadashi 2023: कब है देवउठनी एकादशी, नोट करें तारीख के साथ शुभ मुहूर्त

Dev Uthani Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है...वैसे तो सभी एकादशी का अपना महत्व है लेकिन देवउठनी एकादशी सबसे खास मानी गई है. इस दिन चातुर्मास समाप्त होता है और श्रीहरि विष्णु योग निद्रा से जागते हैं...

Dev Uthani Ekadashi 2023

Dev Uthani Ekadashi 2023: हर साल देवउठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ती है. इसे देवोत्थान या प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं. ये एकादशी दिवाली के बाद आती है. इस दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है.  ऐसा माना गया है कि इस तिथि पर ही भगवान विष्णु क्षीरसागर में चार माह के शयन के बाद जागे थे.  इसलिए इस तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है.  देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है.  देवउठनी एकादशी के बाद मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. 

Karwa Chauth 2023: इन चीजों के बिना अधूरी है करवाचौथ की सरगी की थाली, आप भी जानें शुभ-अशुभ

कब है देवउठनी एकादशी ?
देवउठनी एकादशी- 23 नवंबर 2023

देवउठनी एकादशी मुहूर्त
एकादशी तिथि का प्रारम्भ- 22 नवंबर  2023 को दोपहर 01 बजकर 33 मिनट पर
एकादशी तिथि का  समापन- 23 नवंबर को सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर
एकादशी व्रत -23 नवंबर को किया जाएगा.

देवउठनी एकादशी का महत्व
देवशयनी एकादशी तिथि से भगवान श्रीहरि क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं. इस तिथि के कारण सभी मांगलिक कार्य भी बंद हो जाते हैं. वहीं, देवउठनी एकादशी तिथि वह तिथि है जब भगवान विष्णु अपनी निद्रा से जागते हैं. भगवान विष्णु के निद्रा से जागने के साथ ही सभी मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं. देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह भी होता है. इस दिन श्रीहरि के शालीग्राम स्वरूप का तुलसी माता से विवाह कराया जाता है. देवउठनी एकादशी के दिन सभी मांगलिक और धार्मिक कार्य बिना मुहूर्त देखे प्रारंभ किए जा सकते हैं.

Dussehra 2023 Date: 23 या 24 अक्टूबर कब है दशहरा, शस्त्र पूजन मुहूर्त के साथ जानें विजय दशमी की सही तारीख

तुलसी विवाह का आयोजन
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी पर तुलसी जी के विवाह का आयोजन किया जाता है. इन दिन तुलसी और शालिग्राम की विधि-विधान से शादी कराई जाती है. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि जिस घर में कन्या नहीं होती है तो उनको जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करवाना चाहिए. ऐसे करके कन्यादान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.

Panchak September 2023: कब शुरू हो रहे हैं पंचक, जानें क्यों माना गया है अशुभ नक्षत्रों का योग! बरतें विशेष सावधानी

Chandra Grahan 2023 Date: इस दिन लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानिए भारत में दिखेगा या नहीं?

 

Watch: 29 सितंबर से शुरू हो रहे पितृ पक्ष, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Trending news