Shamli famous temple: सावन के इस पवित्र महीने में हम आपको उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग शिवमंदिरों की जानकारी दे रहे हैं. इसी कड़ी में आइए जानते हैं शामली के 700 साल पुराने पंचमुखी शिवलिंग मंदिर के बारे में.
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शामली : सावन महीने में शिवालयों में भोलेनाथ के भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. शामली के अलग-अलग मंदिरों में सावन सोमवार को भक्तों का रेला देखने को मिलता है. जिले के गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के गांव भैंसवाल के मोहल्ला कादियान पट्टी में एक ऐसा शिव मंदिर है. जो 700 साल पुराना बताया जाता है. सफेद संगमरमर का पंचमुखी शिविलिंग इस मंदिर को अन्य मंदिरों से अलग बनाता है. दूर-दूर से इस मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. सावन माह में इस मंदिर में आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.
पंचमुखी शिवलिंग की है मान्याताएं
स्थानीय लोगों के मुताबिक ''गांव भैंसवाल में सफेद संगमरमर का पंचमुखी शिवलिंग है. यह मंदिर लगभग सात सौ साल पुराना है. इसका निर्माण ग्रामवासियों ने मिलजुलकर कराया था. मंदिर में स्थापित सफेद शिवलिंग पूरे देश में केवल पांच हैं.'' दिल्ली, मेरठ व अन्य प्रदेशों से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रद्धालु मंदिर में आते हैं. सावन में हरिद्वार से गंगाजल लाकर कांवड़ियां भी बड़ी संख्या में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने आते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है जिस तरह यहां शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती है, उसे देखते हुए सुविधाएं मुहैया कराने की जरुरत है.
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मनचाही मनोकामना होती है पूरी
गांव भैंसवाल में रजबहे के पुल के बराबर में दूसरा प्राचीन शिव मंदिर है. यह करीब लगभग ढाई सौ वर्ष पुराना है. शिवभक्त कृष्णपाल ने बताया कि इस प्राचीन शिव मंदिर में सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है. मंदिर में हर वर्ष सावन में त्रयोदशी पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है. इस मंदिर के आसपास यदि बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएं तो यह धार्मिक पर्यटन और रोजगार को भी बढ़ावा देगा.
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