Jamrani Dam project: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चार जिलों की तस्वीर बदलने वाली है. यहां पेयजल औऱ सिंचाई परियोजना के लिए करोड़ों रुपये विस्थापितों को बांटने की कवायद शुरू हो गई है.
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Jamrani Dam project in UP Uttarakhand: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चार जिले लंबे समय से जिस जल विद्युत परियोजना के प्रारंभ होने की राह देख रहे थे, उसे 49 साल बाद मंजूरी मिल गई है. 3700 करोड़ रुपये की इस परियोजना से दोनों राज्यों के चार जिलों की तस्वीर बदलेगी. सितंबर के आखिरी सप्ताह में यहां भारी क्रेन मशीनें पहुंच गई हैं. इस बांध के बन जाने से रामपुर, बरेली में पानी की कमी दूर हो सकेगी. उत्तराखंड में भी नैनीताल और हल्द्वानी क्षेत्र में जल संकट दूर होगा.कुमाऊं मंडल की जमरानी बांध परियोजना पिछले पांच दशकों से कई कारणों से अटकती रही. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से पेयजल और सिंचाई के लिए बड़े इलाके को फायदा मिलेगा.
इस परियोजना से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 2-2 जिलों में 57065 हेक्टेयर इलाके में सिंचाई हो सकेगी. यूपी के रामपुर और बरेली जिले के 47607 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई का बंदोबस्त होगा. उत्तराखंड के नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जिलों में 9458 हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि भूमि सिंचित हो सकेगी. जमरानी बांध परियोजना से हल्द्वानी को 117 MLD पेयजल मुहैया होगा. ये हल्द्वानी और काठगोदाम क्षेत्र में जल संकट को दूर करेगा.
बांध प्रभावितों को मुआवजा बांटने का काम शुरू हो गया है. जमरानी बांध परियोजना के पहले चरण का काम सितंबर अंत से तेजी पकड़ने वाला. 3700 करोड़ रुपये से वर्ष 2029-30 ये परियोजना पूरी की जानी है. जमरानी बांध प्रभावितों के विस्थापितों के पुनर्वास के लिए ऊधम सिंह नगर के टाउनशिप बन रही है.बांध क्षेत्र प्रभावितों को यहां जगह दी जाएगी.बांध के लिए संपर्क मार्ग को प्राथिमकता दी जाएगी. बरसात में इसके पर्याप्त पानी संचयन के लिए गोला नदी में दो ऑफर डैम और टनल बनेंगी. डूब क्षेत्र में छह गांव की 50 हेक्टेयर भूमि डूब जाएगी और 1260 से ज्यादा परिवार विस्थापित हो जाएंगे.