Bijnor News: यूपी के बिजनौर जेल में देश के लिए जान न्योछावर करने वाले शाचीन्द्रनाथ बख्शी की मूर्ति शुक्रवार को अनावरण की गई. इसी जेल में उन्होंने अग्रेजों से लोहा लेते वक्त साजा काटी थी.
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राजवीर चौधरी/बिजनौर: भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने के लिए प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक शचीन्द्रनाथ बख्शी की मूर्ति का अनावरण शूकवार को बिजनौर जेल में किया गया. बख्शी ने ककोरा कांड में इसी जेल में सजा काटी थी.
काकोरी कांड के मुख्य आरोपी की मूर्ति का अनावरण
हम आज आजाद भारत में सांस ले रहे हैं. इस आजादी के लिए देश के दीवानों को तमाम पापड़ बेलने पड़े थे. उस वक्त अंग्रेजी राज की बगावत करने में ही भारत रक्षा कानून के तहत यूं ही देशभक्तों को जेल में डाल दिया जाता था. बिजनौर में भी साल 1925 से देश आजाद होने तक 419 क्रांतिवीरों को जेल की सजा भोगनी पड़ी थी. इसी दौरान देश भक्तों मे से एक शचींद्रनाथ बख्शी को सम्मान देने के लिए यूपी जेल डीजी एसएन साबत ने काकोरी कांड के मुख्य आरोपी शचींद्रनाथ बख्शी की मूर्ति का अनावरण किया है.
क्या था काकोरी कांड
जेल के दस्तावेजों अगर खंगाला जाए तो मालूम पड़ता है काकोरी आरोपी शचींद्रनाथ बख्शी ने साथियों के साथ काकोरी रेलवे स्टेशन के पास अंग्रेजी सरकार का खजाना लूट लिया था. इसके मुकदमे का फैसला होने के बाद शचींद्रनाथ बख्शी को गिरफ्तार किया गया और एक पूरक मुकदमा चला. शचींद्रनाथ बख्शी को पहले लखनऊ फिर फतेहगढ़ और इसके बाद बिजनौर जेल में रखा गया. चौदह दिसंबर 1928 को बख्शी पहली बार बिजनौर जेल आए यहां 12 दिन रखने के बाद फिर से लखनऊ जेल भेज दिया गया. फिर 31 दिसंबर 1928 को बिजनौर जेल भेजा गया जोकि 8 मई 1929 तक बिजनौर जेल में बंद रहे.
ट्रेन रोक ककरी कांड को दिया अंजाम
बताया जाता है कि बख्शी ने सहारनपुर लखनऊ पैसेंजर के तीन टिकट खरीदे थे. सहारनपुर से चलकर लखनऊ जाने वाली पैसेंजर ट्रेन आजादी के पहले से चल रही थी. जोकि अब लॉकडाउन के वक्त से बंद है. यह बिजनौर में जम्मतूवी कोलकाता ट्रैक पर पड़ने वाले बिजनौर के सभी रेलवे स्टेशन से होकर गुजरती थी. काकोरी में इस ट्रेन से अंग्रेजों का खजाना लूटने के लिए शचींद्रनाथ बख्शी ने सेकेंड क्लास के तीन टिकट खरीदे थे. इन टिकटों पर शचींद्रनाथ बख्शी, अशफाक उल्लां खां और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी सवार हुए थे. जिन्होंने ट्रेन को रोक काकोरी कांड को अंजाम दे दिया.