BSP Mayawati Statement: हाथरस के सत्संग भगदड़ केस में बीजेपी-सपा के खामोशी के बीच मायावती ने बोला बाबा के पाखंड पर करारा हमला बोला है. आपको बता दें कि नारायण साकार हरि भी दलित है.
Trending Photos
Hathras stampede Update: हाथरस सत्संग भगदड़ मामले में बीजेपी-सपा के खामोशी के बीच बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने बाबा के पाखंड पर करारा हमला बोला है. मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बाबा को लेकर खरी खरी बातें कहीं. उन्होंने "भोले बाबा जैसे अनेकों बाबाओं के अन्धविश्वास के साथ ही पाखण्डवाद के बहकावे में आने वालों को अपनी मुश्किलें और न बढ़ाने की सलाह दी .
भगदड़ में जान गवांने वाले
मायावती ने भगदड़ में जान गवांने वाले 121 लोगों को लेकर कहा कि यह "अति-चिन्ताजनक" है. उन्होंने "बाबा भोले जैसे अन्य जो भी दोषी हैं" उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की अपील भी की. आपको बता दें कि मायावती जाटव है और नारायण साकार हरि के भी जाटव होने की बात सामने आई है लेकिन फिर फिर मायावती ने बाबा का खुलकर विरोध किया है.
एक के बाद एक पोस्ट
अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर मायावती ने एक के बाद एक पोस्ट किए और कहा कि "अपनी गरीबी और अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए देश में गरीबाों, दलितों व पीड़ितों आदि को हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखण्डवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए" उन्होंने तीन पोस्ट एक के बाद एक किए. आइए देखें उनका पोस्ट.
1. देश में गरीबाों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखण्डवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए, यही सलाह। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) July 6, 2024
"अति-चिन्ताजनक"
121 लोगों की मौत को मायावती ने "अति-चिन्ताजनक" बताया और कहा कि, "बल्कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर खुद ही अपनी तकदीर बदलनी होगी. 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिन्ताजनक" है. "जो भी दोषी हैं" उनके विरुद्ध कार्रवाई की अपील भी मायावती ने की और कहा कि, "हाथरस काण्ड में, बाबा भोले समेत अन्य जो भी दोषी हैं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे अन्य बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई जरूरी है. मायावती ने और सख्ती से कहा कि इस मामले में अपने राजनैतिक स्वार्थ में सरकार को ढ़ीला नहीं पड़ना चाहिए जिससे कि आगे लोगों को अपनी जान गवांनी न पड़ जाए.