UP News: सरकारी डॉक्टरों की एक्स्ट्रा कमाई पर रोक, प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों पर होगी कड़ी कार्रवाई
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UP News: सरकारी डॉक्टरों की एक्स्ट्रा कमाई पर रोक, प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों पर होगी कड़ी कार्रवाई

UP News: यूपी में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों पर होगी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.  इसके लिए हर जिले में नए सिरे से टीम बनाई जा रही है. डॉक्टरों से हलफनामा भी मांगा गया है.

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UP News: उत्तर प्रदेश के सरकारी चिकित्सकों को अब प्राइवेट प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं होगी.  शासन के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों पर  कड़ी कार्रवाई होगी.  प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने के साथ ही सभी से शपथ मांगा गया है.  सभी डॉक्टरों को लिखकर देना होगा कि प्राइवेट प्रैक्टिस न करने के साथ ही मुख्यालय पर रुकेंगे.  मनमानी करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी. प्राइवेट प्रैक्टिस की निगरानी के लिए टीम गठित की जाएगी.

होगी कड़ी कार्रवाई, मांगा गया हलफनामा
हर जिले में नए सिरे से टीम बनाई जा रही है.  सरकारी अस्पतालों के सभी चिकित्सकों से इस संबंध में हलफनामा भी मांगा गया है. प्रदेश के सभी सीएमओ से रिपोर्ट तलब की गई है. सीएमओ से कहा गया है कि किसी भी स्थिति में राजकीय चिकित्सक को प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति नहीं है. ऐसे में कोई भी चिकित्सक को प्रैक्टिस करते पाया गया तो उसके साथ ही संबंधित सीएमओ के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

प्राइवेट प्रैक्टिस किए जाने के आरोप में विभागीय जांच
प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपी वाराणसी के पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. दिग्विजय सिंह और पांच डॉक्टरों को हटा दिया गया है.  सरकारी सेवा में रहकर प्राइवेट प्रैक्टिस किए जाने के आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए जाने के बाद इनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू होगी.

निजी प्रैक्टिस में लिप्त डॉक्टरों पर कार्रवाई
बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी सेवा में रहकर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. 

ठगे जा रहे मरीज
सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस के कारण मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रहीं.  दो बजे तक अस्पताल में ओपीडी करने के बाद कई डॉक्टरों की प्राइवेट क्लीनिक चल रही हैं. ऐसे में मरीजों को  इलाज के चक्कर में डॉक्टरों की निजी क्लीनिकों पर जाना पड़ रहा है. मोटी फीस देने के साथ ही मरीजों को बाजार से दवाएं भी खरीदनी पड़ती हैं.

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