यूपी में छोटे दलों ने डुबोई लुटिया, बड़बोले मंत्री भी अपने बेटों को नहीं जिता पाए
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2280385

यूपी में छोटे दलों ने डुबोई लुटिया, बड़बोले मंत्री भी अपने बेटों को नहीं जिता पाए

Lok Sabha Chunav Result 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे जारी हो चुके हैं. यूपी में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. छोटे दल भी धड़ाम हो गए, सुभासपा अध्यक्ष राजभर के बेटे अरविंद राजभर और निषाद पार्टी मुखिया संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद चुनाव हार गए. 

यूपी में छोटे दलों ने डुबोई लुटिया, बड़बोले मंत्री भी अपने बेटों को नहीं जिता पाए

Lok Sabha Chunav Result 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे जारी हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश में सीटों में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. छोटे दल भी धड़ाम हो गए, सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर और निषाद पार्टी मुखिया संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद चुनाव हार गए. वहीं अपना दल को भी रॉबर्ट्सगंज में हार का सामना करना पड़ा. रालोद ने अपने कोटे की दोनों सीटों पर परचम लहराया. आजाद समाज पार्टी से लड़े चंद्रशेखर भी चुनाव जीते हैं.

हाथ से छिटकीं 3 सीटें
छोटे दलों को भले ज्यादा महत्व न दिया जाता हो लेकिन चुनाव में ये बड़े दलों का खेल बनाने और बिगाड़ने दोनों में भूमिका निभाते हैं. 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने छोटे दलों का साथ लिया था. जिसका पार्टी को फायदा हुआ. 2024 में भी बीजेपी के साथ निषाद पार्टी, अपना दल एस और ओपी राजभर की सुभासपा साथ थी. बीजेपी ने सहयोगी दलों को 5 सीटें दी थीं. जबकि निषाद पार्टी के दो कैंडिडेट बीजेपी के सिंबल पर लड़े थे. इनमें से चार पर जीत मिली जबकि 3 सीटें हाथ से छिटक गईं. 

अपना दल सोनेलाल
अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाली अपना दल सोनेलाल बीते दो चुनाव से बीजेपी की सहयोगी है. अपना दल की पूर्वांचल में खासकर कुर्मी मतदाताओं में अच्छी पकड़ मानी जाती है. 2014 में बीजेपी ने अपना दल को दो सीटें  (मिर्जापुर और राबर्ट्संगज) दी थीं. जिसमें दोनों पर पार्टी ने जीत दर्ज की थी. 2019 में भी पार्टी के खाते में यह सीटें गईं, जहां अपना दल ने जीत दर्ज की. 2024 के इस चुनाव में अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से प्रत्याशी थीं तो राबर्ट्सगंज से पार्टी ने रिंकी कोल को मैदान में उतारा था.  इनमें अनुप्रिया को तो जीत मिली लेकिन रॉबर्ट्सगंज पार्टी के हाथ से निकलकर सपा के पास चली गई. 

सुभासपा
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर मौजूदा योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री हैं. गठबंधन कोटे से उनको घोसी लोकसभा सीट मिली थी. जहां से राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को मैदान में उतारा था. ओम प्रकाश राजभर खुद को राजभर बिरादरी का सर्वमान्य नेता बताते हैं. घोसी लोकसभा सीट पर उनकी बिरादरी का वोट बैंक जीत और हार तय करता है. बेटे को जिताने के लिए उन्होंने खूब पसीना बहाया लेकिन यह काम न आया. सपा के राजीव राय ने बड़े मार्जिन ने उनको शिकस्त दी. 

निषाद पार्टी
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के मुखिया संजय निषाद मौजूदा योगी सरकार में मंत्री हैं. निषाद पार्टी अपने सिंबल पर चुनावी मैदान में नहीं उतरी थी लेकिन उसके दो नेता बीजेपी से उम्मीदवार थे. बीजेपी ने भदोही में निषाद पार्टी के विधायक विनोद बिंद को प्रत्याशी बनाया था जबकि संतकबीरनगर सीट से संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद मैदान में थे. 2019 में भी संतकबीरनगर से प्रवीण निषाद सांसद बने थे. लेकिन इस बार प्रवीण निषाद को हार मिली जबकि भदोही में विनोद बिंद जीते. 

रालोद
हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ आने वाली जयंत चौधरी की रालोद का प्रदर्शन अच्छा रहा. गठबंधन कोटे से राष्ट्रीय लोकदल को दो सीटें मिली थीं और पार्टी ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की है. बागपत से डॉक्टर राजकुमार सांगवान ने बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की. वहीं बिजनौर से चंदन चौहान ने भी जीत का परचम लहराया है. 

Trending news