Mahakumbh 2025 News: विश्व हिन्दू परिषद महाकुंभ के दौरान संतों का बड़ा सम्मेलन करने जा रही है, इसमें अयोध्या की तरह काशी और मथुरा के मंदिरों को पूरी तरह मुक्त करान के लिए आंदोलन की तारीखों का ऐलान हो सकता है.
Trending Photos
VHP Mathua Kashi Mandir Andolan: प्रयागराज मोहम्मद गुफरान: महाकुंभ में विश्व हिंदू परिषद के शिविर में 25 जनवरी को संतो का सम्मेलन होने वाला है. संत सम्मेलन में साधु संतों की राय शुमारी के साथ काशी और मथुरा को कब्जामुक्त कराने की रणनीति बनेगी. देश भर के साधु संतों को विश्च हिन्दू परिषद ने संत सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है. वीएचपी के संत सम्मेलन पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि संत समाज अब तीर्थों पर जो कब्जे हुए हैं, उसको मुक्त कराने के लिए आगे आएगा.
काशी-मथुरा के साथ संभल के लिए भी मुहिम
विश्व हिंदू परिषद के संत सम्मेलन के जरिये काशी और मथुरा के साथ अन्य तीर्थों को कब्जा मुक्त कराने की रणनीति बनेगी. वहीं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी ने कहा है कि अब समय आ गया है. संत समाज अपने तीर्थों को वापस चाहता है. इसके लिए विश्व हिंदू परिषद के शिविर में आयोजित संत सम्मेलन में हम सब शामिल होकर तारीख भी तय करेंगे कि कब हमको काशी मथुरा और संभल कूच करना है.
विहिप का संत सम्मेलन
विश्व हिंदू परिषद के शिविर में 25 जनवरी को संत सम्मेलन बुलाया गया है इस संत सम्मेलन के जरिए देश के साधु संतों की राय विश्व हिंदू परिषद जानने का प्रयास करेगा और 1984 में लिए गए काशी मथुरा के संकल्प को पूरा करने की रणनीति पर संत सम्मेलन में विस्तृत चर्चा होगी. ज़ी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि यह हमारे तीर्थ हैं. 1984 से विश्व हिंदू परिषद के एजेंडे में काशी और मथुरा रहे हैं. महाकुंभ की धरती पर आयोजित होने वाले संत सम्मेलन में इन विषय पर प्रमुख रूप से संत समाज की राय लेकर रणनीति बनाई जाएगी.
1989 में राम मंदिर आंदोलन
गौरतलब है कि विहिप ने 1989 में राम मंदिर आंदोलन के लिए बिगुल भी कुंभ मेला प्रयागराज से ही फूंका था. तब वहां बड़ी संख्या में विहिप और अन्य हिन्दू और धार्मिक संगठनों के साधु संत इकट्ठा हुए थे. रामलला हम आएंगे-मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा भी यहीं से गूंजा था. विहिप का यह आंदोलन 1992 में चरम पर पहुंचा, जब अयोध्या राम जन्मभूमि स्थल पर विवादित ढांचे का विध्वंस किया गया था.