Ayodhya Solar City: नव्य अयोध्या' के माझा रामपुर हलवारा व सरायरासी में 40 मेगावाट बिजली उत्पादन करने में सक्षम सोलर पावर प्लांट के विकास का कार्य पहुंचा अंतिम चरण में पहुंच गया है.
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अयोध्या। सूर्यवंश की राजधानी के तौर पर प्रख्यात अयोध्या अब 'नव्य अयोध्या' के तौर पर स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करेगी. नव्य अयोध्या के माझा रामपुर हलवारा ग्राम में 40 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार 200 करोड़ रुपये की लागत से 165 एकड़ में सोलर पावर प्लांट का संचालन किया जा रहा है.
विजन 2047 के अनुसार अयोध्या में सौर ऊर्जा का बेहद बड़ा रोल है. अयोध्या को सौर ऊर्जा से संचालित शहर के तौर पर स्थापित करने में इस प्लांट की बड़ी भूमिका होगी. सीएम योगी के दिशा-निर्देशन में जिला प्रशासन ने एक रुपया प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर पर उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (UPNEDA) को 30 साल की लीज पर जमीन उपलब्ध कराई है. यूपीनेडा द्वारा एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को प्लांट संचालन के लिए संबद्ध किया गया है. प्लांट के संचालन और विकास के लिए NTPC द्वारा पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) के तहत जैक्सन सोलर को संबद्ध किया गया है. जैक्सन सोलर पैनल उत्पादनकर्ता होने के साथ ही सौर ऊर्जा की बड़ी कंपनियों में शुमार है.
'नव्य अयोध्या' का सोलर पावर प्रोजेक्ट
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के हेड ऑफ प्रोजेक्ट व अपर महाप्रबंधक रतन सिंह ने बताया कि इस सौर ऊर्जा प्लांट की कुल क्षमता 40 मेगावाट बिजली उत्पादन की होगी. इससे प्रति वर्ष 8.65 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होगा. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 200 करोड़ है और 165 एकड़ में प्लांट के विकास का कार्य जैक्सन सोलर को सौंपा गया है. इस प्लांट में कुल मिलाकर 550 व 555 वॉट बिजली उत्पादन से युक्त 104580 सोलर पैनल इंपैनल्ड हैं. प्लांट का 22 जनवरी को उद्घाटन होना है, यह 10 मेगावॉट बिजली उत्पादन के साथ कार्य करने में सक्षम हो गया है. इसे जल्द ही पूरी क्षमता के साथ भी संचालित कर दिया जाएगा. पूरी क्षमता से संचालित होने पर यह प्लांट अयोध्या की कुल विद्युत खपत का 10 प्रतिशत पूरा कर सकेगा.
प्लांट से बनने वाली विद्युत ऊर्जा को दर्शननगर सब स्टेशन तक 132\33 केवी ओवरहेड पावर लाइन के जरिए प्रवाहित किया जाएगा. इससे 47 हजार टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने में मदद मिलेगी. फिलहाल प्लांट में करीब 300 लोगों को रोजगार मिला है. पूरी तरह चलाए जाने पर प्लांट के संचालन के लिए केवल 15-20 लोगों की ही जरूरत होगी. इसमें टेक्निकल स्टाफ व हैंडलिंग स्टाफ मुख्य होगा.
यूपीनेडा के परियोजना अधिकारी प्रवीण नाथ पाण्डेय ने बताया कि सीएम योगी के नव्य-भव्य अयोध्या विजन को साकार करने के साथ ही यह प्रोजेक्ट किफायती तथा पर्यावरण अनुकूल भी होगा. कोयले से होने वाले बिजली उत्पादन की अपेक्षा यहां बिजली उत्पादन के जरिए प्रति वर्ष 47000 हजार टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने में मदद मिलेगी. इस परियोजना के जरिए 17 लाख पेड़ों के कार्बन डाईऑक्साइड सोखने बराबर कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने में मदद मिलेगी.
यह परियोजना अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी के रोल मॉडल के तौर पर स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. साथ ही यह सूर्यवंश की राजधानी के तौर पर विख्यात अयोध्या को सौर ऊर्जा से संचालित शहर में परिवर्तित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी.