UP Nikay Chunav 2023: बीजेपी ने चला बड़ा दांव, 2024 के लिए चाहती है मुस्लिम वोटरों का साथ
Advertisement

UP Nikay Chunav 2023: बीजेपी ने चला बड़ा दांव, 2024 के लिए चाहती है मुस्लिम वोटरों का साथ

BJP's Election Strategy: बीजेपी ने यह दांव निकाय चुनाव को लेकर चला है लेकिन इसके नतीजे 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तय करने में बड़ी भूमिका अदा करेंगे.

UP Nikay Chunav 2023: बीजेपी ने चला बड़ा दांव, 2024 के लिए चाहती है मुस्लिम वोटरों का साथ

UP Politics: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2023 को सभी पार्टियां लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के तौर पर देख रही हैं इसलिए सभी चुनाव में पूरी ताकत लगा रहे हैं. बीजेपी ने भी इस चुनाव में कई प्रयोग किए हैं. बताया जा रहा है कि पार्टी को इस बात का डर है कि उसके परंपरागत वोट बैंक में कुछ बिखराव हो सकता है. इसलिए बीजेपी की नजर अब मुस्लिम बोट बैंक पर है. पार्टी पहले ही पसमांदा का मुद्दा उठाकर देश और राज्य में की राजनीति में हलचल पैदा कर चुकी है.

बीजेपी 2014 के बाद मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने से बचती रही है. 2017 के निकाय चुनाव में पार्टी ने बहुत कम संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था.

391 मुस्लिम उम्मीदवीरों को उतारा
हालांकि इस बार तस्वीर काफी अलग है. बीजेपी ने निकाय चुनाव विभिन्न पदों पर 391 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है. इसे बीजेपी का एक बड़ा राजनीतिक प्रयोग माना जा रहा है. बीजेपी ने यह दांव निकाय चुनाव को लेकर चला है लेकिन इसके नतीजे 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तय करने में बड़ी भूमिका अदा करेंगे.

मुस्लिम महिला उम्मीदवारों की अच्छी संख्या
बीजेपी ने जिन मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार है उनमें महिलाओं की अच्छी खासी संख्या है. तीन तलाक जैसे मुद्दों के जरिए भाजपा ने इस वर्ग में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश की है.

बीजेपी के कुल 391 मुस्लिम उम्मीदवारों में से 351 नगरपालिका वार्डों के पार्षद पद के उम्मीदवार हैं. इनके अलावा 35 नगर पंचायत और पांच नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं. बीजेपी का दावा है कि पार्टी ने शिया और सुन्नी दोनों वर्गों से 90 फीसदी पसमांदा मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है.

प्रदेश में दो चरणों में चार मई और 11 मई को नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी. नगर निगमों के महापौर और पार्षद पद के लिए मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से होगा, जबकि बाकी पदों के लिए मतदान मतपत्र से होगा.

Trending news