Cabinet Secretary: खाली होने वाली है नौकरशाही की सबसे बड़ी पोस्ट, कैबिनेट सेक्रेटरी की रेस में हैं ये दिग्गज
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Cabinet Secretary: खाली होने वाली है नौकरशाही की सबसे बड़ी पोस्ट, कैबिनेट सेक्रेटरी की रेस में हैं ये दिग्गज

Cabinet Secretary Post Contenders: देश में नौकरशाही की सबसे बड़ी पोस्ट कैबिनेट सेक्रेटरी का पद खाली होने वाला है. इस पद की रेस में तीन दिग्गजों के नाम चर्चाओं में चल रहे हैं. मजे की बात ये है कि तीनों अधिकारी एक ही बैच हैं और अपने करियर में बेदाग रहे हैं.

Cabinet Secretary: खाली होने वाली है नौकरशाही की सबसे बड़ी पोस्ट, कैबिनेट सेक्रेटरी की रेस में हैं ये दिग्गज

Main Contenders of Cabinet Secretary Post: भारत का अगला पीएम कौन होगा, यह 4 जून को मतदान के नतीजे आने के साथ ही स्पष्ट हो जाएगा. अपनी सरकार बनाने के लिए बीजेपी- कांग्रेस समेत तमाम दल तेज गर्मी में भी पसीना बहा रहे हैं. लेकिन पीएम पद के साथ ही देश में एक रेस और चल रही है. यह रेस देश की ब्यूरोक्रेसी में टॉप पोस्ट कैबिनेट सेक्रेटरी के लिए है. मौजूदा कैबिनेट सेक्रेटरी राजीब गौबा अगस्त में सेवा से रिटायर हो जाएंगे. उनकी कुर्सी पाने के लिए 1987 बैच के तीन सीनियर आईएएस के नाम चर्चाओं में हैं. तीनों अधिकारियों की अपनी- अपनी खासियतें हैं और तीनों का अभी तक का रिकॉर्ड बेदाग रहा है. ऐसे में देश का नया कैबिनेट सेक्रेटरी कौन बनेगा, इसका फैसला 4 जून के बाद आने वाली नई सरकार के हाथ में होगा. 

तीन अधिकारियों की चल रही चर्चा

सूत्रों के मुताबिक राजीव गौबा के स्थान पर जिन तीन अधिकारियों की चर्चा चल रही है, उनके नाम जल शक्ति सचिव विनी महाजन, गुजरात के मुख्य सचिव राज कुमार और वित्त सचिव टीवी सोमनाथन हैं. तीनों 1987 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी हैं. ये तीनों ही पहले प्रयास में आईएएस बनने वाले अधिकारी हैं. इनमें से 2 अधिकारी राज्यों में मुख्य सचिव रह चुके हैं. तीनों अधिकारी की छवि अभी तक बेदाग रही है. 

पंजाब की पूर्व मुख्य सचिव विनी महाजन

अब हम एक-एक करके आपको तीनों अधिकारियों से परिचय करवाते हैं. इसकी शुरुआत विनी महाजन से करते हैं. वे पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव रहे अधिकारी की बेटी हैं. अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए वे आईएएस बनीं और पंजाब के मुख्य सचिव पद तक पहुंची. वे फिलहाल केंद्र सरकार में जल शक्ति सचिव हैं. वे अपनी तर्कसंगत सोच, समन्वित काम और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं. मनमोहन सिंह के दौर में वे लंबे समय तक पीएमओ में काम कर चुकी हैं. अगर उनका देश की टॉप मोस्ट पोस्ट के लिए चयन होता है तो यह एक इतिहास बनेगा क्योंकि आजादी के बाद से आज तक कोई महिला देश की कैबिनेट सेक्रेटरी नहीं बनी है. 

केंद्र में रहकर जीता पीएम मोदी का भरोसा

अधिकारियों की इस जंग में चर्चाओं में चल रहा दूसरा नाम राजकुमार का है. मूलरूप से यूपी के बदायूं के रहने वाले राजकुमार फिलहाल गुजरात के मुख्य सचिव हैं. वे वर्ष 2015 में मोदी सरकार के दौरान रक्षा उत्पादन सचिव का पदभार संभाल चुके हैं. छह वर्षीय कार्यकाल खत्म होने के बाद वे 2021 में फिर वापस गुजरात लौट गए थे. केंद्र में अपनी तैनाती के दौरान राजकुमार ने पीएम मोदी का भरोसा हासिल किया. ऐसे में अगर पीएम मोदी सत्ता में फिर लौटते हैं तो राजकुमार कैबिनेट सेक्रेटरी पद के तगड़े दावेदार हो सकते हैं. 

तमिलनाडु बैच के वित्त सचिव टीवी सोमनाथन

कैबिनेट सेक्रेटरी पोस्ट के लिए तीसरा और सबसे प्रमुख नाम वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का है. वे तमिलनाडु कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली कमेटी ने अप्रैल 2021 में उन्हें वित्त सचिव नियुक्त किया था. उन्हें फाइनेंस मैनेजमेंट का बेहतरीन अनुभव है. वे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के साथ भी पीएमओ में काम कर चुके हैं. अगर नरेंद्र मोदी तिबारा पीएम बनते हैं तो देश की अर्थव्यवस्था बढ़ाने और रोजगार सृजन पर उनका खास जोर हो सकता है. ऐसे में वे फाइनेंस मामलों के एक्सपर्ट टीवी सोमनाथन को कैबिनेट सेक्रेटरी बनाने का दांव खेल सकते हैं. 

जयललिता से भी पंगा ले चुके हैं सोमनाथन

दिलचस्प बात ये है कि सोमनाथन अपनी कड़क छवि के चलते तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता से भी पंगा ले चुके हैं. अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने तत्कालीन सीएम जयललिता के अधीनस्थ एक विभाग में सतर्कता जांच का आदेश दे दिया था. उनके इस ऑर्डर से जयललिता इतना भड़क गई थीं कि उन्होंने तमिलनाडु में उनका काम करना दूभर कर दिया था. जब सोमनाथन ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की कोशिश की तो जयललिता ने उन्हें रिलीव करने से इनकार कर दिया था. 

नई सरकार करेगी कैबिनेट सेक्रेटरी पर फैसला

फिलहाल देश का नया कैबिनेट सेक्रेटरी कौन बनेगा. वह इन्हीं तीनों अधिकारियों में से कोई एक होगा या सरकार बाहर से किसी नाम को चुनेगी, यह अगले महीने ही क्लियर हो पाएगी. जब सरकार का गठन हो जाएगा और पीएम के सामने इस पद की नियुक्ति की फाइल आएगी. लेकिन इतना तय है कि देश को आगे बढ़ाने में नए पीएम के साथ ही नए कैबिनेट सेक्रेटरी की भी गहरी छाप पड़ने वाली है.

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