Odisha Train Accident: घटनास्थल पर रेल की पटरियां लगभग नष्ट हो गईं क्योंकि क्षतिग्रस्त डिब्बे चारों ओर बिखरे पड़े थे, जिनमें से कुछ दूसरे पर चढ़े हुए थे, जबकि कुछ डिब्बे टक्कर के कारण पलट गए थे.
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Odisha Train Accident News: ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन एक्सीडेंट के बाद गैस टार्च और इलेक्ट्रिक कटर के साथ, बचावकर्मियों ने रात भर जीवित बचे लोगों और तीन ट्रेनों के टूटे हुए डिब्बों मृतकों को बाहर निकालने का काम किया, जो एक के ऊपर एक भयानक क्रम में पटरी से उतर गए. हादसे में कम से कम 233 लोगों की मौत हो गई और 900 से अधिक घायल हो गए.
भुवनेश्वर में अधिकारियों ने कहा कि 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बसें और 45 मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां दुर्घटनास्थल पर काम कर रही हैं. ट्रैक्टर समेत तमाम तरह के वाहनों से शवों को अस्पताल ले जाया जा रहा था.
भारतीय वायु सेना (IAF) ने शनिवार को ओडिशा ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में मृतकों और घायलों को निकालने के लिए Mi-17 हेलीकॉप्टरों को तैनात किया. पूर्वी कमान के अनुसार, IAF नागरिक प्रशासन और भारतीय रेलवे के साथ बचाव प्रयासों का समन्वय कर रहा है.
रात भर जुटे रहे बचाव कर्मी
घटनास्थल पर रेल की पटरियां लगभग नष्ट हो गईं क्योंकि क्षतिग्रस्त डिब्बे चारों ओर बिखरे पड़े थे, जिनमें से कुछ दूसरे पर चढ़े हुए थे, जबकि कुछ डिब्बे टक्कर के कारण पलट गए. पटरी से उतरे डिब्बों के नीचे से शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया गया.
आपदा प्रबंधन कर्मी और दमकल कर्मी शवों को निकालने के काम में रात भर लगे रहे. एक यात्री ने कहा, ‘साइट के कुछ दृश्यों का वर्णन करना बहुत ही भयानक था.‘
स्थानीय लोगों ने की मदद
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेरहामपुर के रहने वाले पीयूष पोद्दार कोरोमंडल एक्सप्रेस में तमिलनाडु जा रहे थे तभी यह दुर्घटना हुई. उन्होंने कहा, ‘हमें झटका लगा और अचानक हमने ट्रेन की बोगी को एक तरफ मुड़ते देखा. पटरी से उतरने की गति से हममें से कई लोग डिब्बे से बाहर फेंक दिए गए. जब हम रेंगने में कामयाब हुए, तो हमने चारों तरफ शव पड़े हुए पाए.’
स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने लगातार तेज आवाजें सुनीं, जिसके बाद वे मौके पर पहुंचे और पटरी से उतरे डिब्बों को देखा, जो कि ‘स्टील के टूटे हुए ढेर’ के अलावा और कुछ नहीं थे.‘
यात्रियों में से एक, रूपम बनर्जी ने कहा, ‘स्थानीय लोग वास्तव में हमारी मदद करने के लिए आगे आए.
अब तक की चौथी सबसे बड़ी रेल दुर्घ
ट्रेन दुर्घटना के उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार यह भारत में चौथा सबसे घातक एक्सीडेंट है जो कि बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन के पास, कोलकाता से लगभग 250 किमी दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किमी उत्तर में, शुक्रवार शाम लगभग 7 बजे हुआ.
वार जोन में बदला अस्पताल
बालासोर जिला अस्पताल गलियारे में स्ट्रेचर पर लेटे हुए घायलों और अतिरिक्त बिस्तरों से भरे कमरों के साथ एक वार जोन की तरह लग रहा था. परेशान चिकित्सा कर्मचारियों को मरीजों की मदद करने की कोशिश करते देखा गया, जिनमें से कई ओडिशा के अलावा अन्य राज्यों से हैं और उन्हें संवाद करने में कठिनाई होती है.
घायलों की मदद के लिए रात में 2,000 से अधिक लोग बालासोर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एकत्र हुए और कई लोगों ने रक्तदान भी किया. अधिकारियों ने कहा कि पुलिसकर्मी, स्थानीय लोग स्वेच्छा से यहां और कई अस्पतालों में रक्तदान कर रहे हैं.
राज्य के विशेष राहत आयुक्त सत्यव्रत साहू ने कहा कि हादसे में घायल हुए लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. भुवनेश्वर में एम्स सहित आसपास के जिलों के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है.
(इनपुट - एजेंसी)