Vaishno Devi Ropeway Controversy: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा ताराकोट मार्ग पर बन रहे रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध तेज़ हो गया है. इस परियोजना को लेकर कटरा के दुकानदार और स्थानीय व्यवसायी सड़कों पर उतर आए हैं.
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Vaishno Devi Ropeway Controversy: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा ताराकोट मार्ग पर बन रहे रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध तेज़ हो गया है. इस परियोजना को लेकर कटरा के दुकानदार और स्थानीय व्यवसायी सड़कों पर उतर आए हैं. दुकानदारों ने इसे अपनी आजीविका के लिए खतरा बताते हुए 72 घंटे की हड़ताल का ऐलान कर दिया है.
दुकानदारों की हड़ताल और जोरदार विरोध
रोपवे परियोजना के विरोध में कटरा के दुकानदारों ने प्रदर्शन किया और सरकार से तुरंत इसे रोकने की मांग की. उनका कहना है कि यह प्रोजेक्ट उनके व्यवसाय और रोज़गार पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. विरोध करते हुए दुकानदारों ने जोरदार नारेबाजी की और श्राइन बोर्ड पर मनमानी के आरोप लगाए.
रोजगार पर संकट की आशंका
प्रदर्शनकारी दुकानदार, घोड़े वाले, पीठू और रेड़ी-पटरी चलाने वाले लोगों ने चिंता जताई कि रोपवे बनने के बाद उनकी आजीविका छिन जाएगी. उनका कहना है कि वे माता वैष्णो देवी यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं, और रोपवे बनने से इस आय में भारी गिरावट आ सकती है.
72 घंटे में समाधान की चेतावनी
दुकानदारों ने चेतावनी दी है कि यदि 72 घंटे के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो विरोध और तेज़ होगा. प्रदर्शनकारियों ने वैष्णो देवी ट्रैक को बंद कर दिया है और कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो पूरा कटरा भी बंद कर दिया जाएगा.
रोपवे प्रोजेक्ट: विकास बनाम आजीविका
रोपवे परियोजना ताराकोट से सांझीछत तक बनाई जा रही है, जो 14 किलोमीटर का पैदल मार्ग केवल 6 मिनट में पूरा कर देगी. हालांकि, दुकानदारों और स्थानीय व्यवसायियों का मानना है कि इससे श्रद्धालुओं का पैदल आना कम हो जाएगा, जिससे उनके व्यापार को भारी नुकसान होगा.
श्राइन बोर्ड पर मनमानी के आरोप
प्रदर्शनकारी दुकानदारों ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड पर आरोप लगाया कि परियोजना लागू करने से पहले स्थानीय लोगों और दुकानदारों से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया. वे इसे धार्मिक और आर्थिक अस्थिरता का कारण मान रहे हैं.
विकास के साथ आजीविका का संतुलन जरूरी
रोपवे परियोजना से यात्रा सुविधाजनक होगी, लेकिन स्थानीय व्यवसायियों के विरोध ने इसे विवादों में डाल दिया है. सरकार और श्राइन बोर्ड के लिए यह चुनौती है कि विकास और स्थानीय लोगों की आजीविका के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए. इस मुद्दे पर आगे क्या निर्णय होता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा. फिलहाल, कटरा में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है.