Jammu Kashmir: 'विधानसभा में पारित विशेष दर्जे का प्रस्ताव खारिज नहीं हुआ, दरवाजा अभी भी खुला है'
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Jammu Kashmir: 'विधानसभा में पारित विशेष दर्जे का प्रस्ताव खारिज नहीं हुआ, दरवाजा अभी भी खुला है'

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि हाल ही में विधानसभा में पारित विशेष दर्जे का प्रस्ताव खारिज नहीं हुआ है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव अभी भी जीवित है और इसे आगे बढ़ाने का रास्ता खुला है.

Jammu Kashmir: 'विधानसभा में पारित विशेष दर्जे का प्रस्ताव खारिज नहीं हुआ, दरवाजा अभी भी खुला है'

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि हाल ही में विधानसभा में पारित विशेष दर्जे का प्रस्ताव खारिज नहीं हुआ है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव अभी भी जीवित है और इसे आगे बढ़ाने का रास्ता खुला है. उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद राजनीतिक कैदियों की रिहाई पर विचार किया जाएगा.

विधानसभा में पारित हुआ बहुमत से प्रस्ताव

श्रीनगर के पोलो व्यू में एक कार्यक्रम के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा में बहुमत से विशेष दर्जे का प्रस्ताव पारित हुआ था. उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस के सदस्य सदन में उपस्थित थे और प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं जताई गई. उन्होंने कहा, "यह प्रस्ताव अभी भी खारिज नहीं हुआ है और इसे राज्य का दर्जा मिलने के बाद प्राथमिकता से उठाया जाएगा."

कानून-व्यवस्था और सत्यापन प्रक्रिया पर चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कानून और व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है. इसके बावजूद उनकी सरकार ने सत्यापन प्रक्रिया को आसान बनाने में प्रगति की है. उन्होंने विधानसभा में दिए गए अपने भाषण का हवाला देते हुए कहा, "सत्यापन प्रक्रिया को हथियार बनाया गया था, लेकिन इसे सरल बनाने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं."

विशेष दर्जे का महत्व

उमर अब्दुल्ला ने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि अगर प्रस्ताव में कोई दम नहीं था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इसे लेकर बार-बार चर्चा क्यों कर रहे हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद राजनीतिक कैदियों की रिहाई सुनिश्चित की जाएगी.

कैबिनेट में लिए गए अहम फैसले

मुख्यमंत्री ने आज की कैबिनेट बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि तीन सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति का गठन किया गया है. यह समिति सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत आरक्षण नीति पर समग्र दृष्टिकोण अपनाएगी. समिति अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे के निर्णय लिए जाएंगे.

किश्तवाड़ में नागरिकों पर अत्याचार का मुद्दा

किश्तवाड़ में नागरिकों पर कथित अत्याचार के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सेना से मामले की गहन जांच करने का आग्रह किया है. उमर ने कहा, "यदि सैनिकों द्वारा कोई कदाचार पाया जाता है, तो दोषियों को कोर्ट मार्शल कर कड़ी सजा दी जानी चाहिए."

राज्य का दर्जा प्राथमिकता

सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होना उनकी सरकार की प्राथमिकता है. इसके बाद ही अन्य मुद्दों पर ठोस कदम उठाए जाएंगे. विशेष दर्जे का प्रस्ताव सरकार के एजेंडे में उच्च स्थान पर है और इसे लागू करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.

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