दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा ये मासूम, 16 करोड़ के टीके से मुमकिन होगा इलाज
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दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा ये मासूम, 16 करोड़ के टीके से मुमकिन होगा इलाज

ओडिशा के रहने वाले 19 माह के मासूम राजवीर को एक दुर्लभ बीमारी है. उसका इलाज 16 करोड़ के टीके से ही संभव है. इस मासूम के इलाज के लिए अभिनेता सोनू सूद भी मदद कर चुके हैं.

राजवीर.

भुवनेश्वरः बच्चों को बीमारी से दूर रखने के लिए माता-पिता हर संभव कोशिश करते हैं. इसके बावजूद भी जब बच्चा बीमार हो जाता है, तो अभिभावकों का किसी भी चीज में मन नहीं लगता. लेकिन 19 महीने के मासूम राजवीर का दर्द छोटी-मोटी बीमारियों से बहुत ज्यादा है. ओडिशा के कंधमाल का रहने वाला राजवीर एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है. SMA टाइप-2 नाम की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित 19 महीने के मासूम राजवीर को मदद की जरूरत है. इस बीमारी का टीका 16 करोड़ रुपये का है. जो सिर्फ अमेरीका में उपलब्ध है. इस बच्चे की मदद सोनू सूद भी कर चुके हैं.

  1. मासूम को दुर्लभ बीमारी
  2. 16 करोड़ के टीके से होगा इलाज
  3. सोनू सूद भी कर चुके हैं मदद

राजवीर को आंसुओ की नहीं दुआओं की जरूरत 

आम तौर पर नवजात बच्चे 6 से 7 महीने में खुद बैठना और 6 से 10 महीने में घुटने के बल चलना सीख जाते हैं. लेकिन मार्च 2020 को जन्मे राजवीर 19 महिने का होकर भी ऐसा नहीं कर पाता है. राजवीर को SMA यानी स्पाइनल मस्क्यूलर एंट्रॉफी टाइप- 2 नाम की दुर्लभ बीमारी है. 

6 हजार में से 1 बच्चे को होती है ये बीमारी

जो देश में 6 हज़ार में से किसी एक बच्चे को ही होती है. जब राजवीर का जन्म हुआ, तब ना इसके माता-पिता को और ना ही डॉक्टरों को पता था कि राजवीर को SMA बीमारी है. लेकिन जब वह 6 महीने का हुआ तब वह ठीक से बैठ और घुटने के बल चल नहीं पाता था. इसके साथ ही इस मासूम की त्वचा और हड्डियां भी कमजोर होने लगीं थीं. 

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बीमारी ले सकती है जान

पहले राजवीर के परिवार को लगा कि ऐसा नॉर्मली होता है. लेकिन जब राजवीर की मां और पिता को पता चला कि उनके बच्चे को SMA बीमारी है जिसका टीका 16 करोड़ का है और इसके ना लगने पर राजवीर की जान भी जा सकती है तो वो टूट गए.

प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता

कई स्टडिज़ और मेडिकल एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि यह एक जेनेटिक बीमारी है. इस बीमारी में शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता. इस वजह से शरीर के हिस्सों में प्रोटीन नहीं पंहुच पाता. और दिमाग का शरीर की मांसपेशियों पर नियंत्रण नहीं रह जाता और इसे ही स्पाइनल मस्क्यूलर एंट्रॉफी टाइप- 2 कहा जाता है.

16 करोड़ रुपये के टीके से इलाज

SMA जैसी दुर्लभ बीमारी का zolgensma नामक टीका अमेरिका बना चुका है. इसके टीके से पहला इलाज अमेरिका में साल 2019 में हुआ था. इस टीके की कीमत 16 करोड़ रुपये है. इसके अमेरीका से आने की वजह से 10 करोड़ की इम्पोर्ट ड्यूटी भी लगती है.

अभिभावकों ने नहीं छोड़ी है उम्मीद

एक गरीब परिवार से आने वाले राजवीर के माता पिता के लिए इतनी बड़ी रकम चुकाना नामुमकिन है. राजवीर के पिता कुलामानी बंगलोर में एक फूड डिलीवरी बॉय का काम करते हैं. उनकी पत्नी गृहणी हैं. इस मासूम के माता-पिता गरीब जरूर हैं, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को जिंदा रखने की उम्मीद नहीं छोड़ी है.

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मिल चुकी है 90 लाख की मदद

इन्होंने क्राउड फंडिंग और कई एनजीओ की मदद से पैसा इकठ्ठा करने की एक कोशिश की है. क्राउड फंडिंग के जरिये अबतक राजवीर के माता पिता को सोशल मीडिया और एनजीओ की मदद से करीब 90 लाख की मदद मिल चुकी है लेकिन अभी भी 15 करोड़ 10 लाख रुपये बाकी हैं, जो एक बड़ी रकम है.

ऐसे करें राजवीर की मदद

अगर राजवीर की मदद के लिए कोई पैसा देना चाहे, तो एनजीओ इम्पैक्ट गुरु के माध्यम से उसकी मदद कर सकते हैं.

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