अपने पहले ट्वीट में मायावती ने लिखा, 'राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द और धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है.
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जयपुर: राजस्थान में सोमवार को बीएसपी के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल हो जाने के चलते बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने नाराजगी जाहिर की है. कांग्रेस में बीएसपी के विधायकों के शामिल होने के बाद मायावती ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ट्विटर पर लगातार एक के बाद एक तीन ट्वीट किए.
अपने पहले ट्वीट में मायावती ने लिखा, 'राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द और धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है. यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी'.
1. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।
— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं. कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है'.
1. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।
— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019
और अपने तीसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा, कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर और उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही है. इसी कारण डा. अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया. यह बेहद दुःखद और शर्मनाक है.
3.कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।
— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019
गौरतलब है कि सोमवार देर रात को बीएसपी के सभी 6 विधायकों द्वारा सीपी जोशी को अपना विलय पत्र सौंपा गया था. जिसके बाद बीएसपी के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए. इसके साथ ही राजस्थान में कांग्रेस ने खुद को मजबूत कर लिया.
दरअसल, 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटें मिली थीं. वहीं बीजेपी को 73 और बीएसपी के खाते में 6 सीटें आईं थी. जिसके बाद रामगढ़ सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. इसके बाद बीएसपी द्वारा कांग्रेस को बाहरी रूप से समर्थन दिया गया था. हालांकि, अब बीएसपी के सभी 6 विधायकों के पार्टी में शामिल होने के बाद राजस्थान में कांग्रेस को मजबूती मिल गई है.