मायावती-ओवैसी को मिले 'पद्म विभूषण' और 'भारत रत्न', संजय राउत ने ली चुटकी
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मायावती-ओवैसी को मिले 'पद्म विभूषण' और 'भारत रत्न', संजय राउत ने ली चुटकी

UP Assembly Election 2022 Result: संजय राउत ने कहा कि पंजाब की जनता ने बीजेपी को पूरी तरह से खारिज कर दिया है जबकि वहां प्रधानमंत्री, गृह मंत्री से लेकर बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने प्रचार किया था.

बाईं तरफ मायावती और दाईं तरफ असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो) | साभार- पीटीआई.

मुंबई: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बीजेपी (BJP) की बंपर जीत और समाजवादी पार्टी (SP) की करारी हार के बाद शिवसेना (Shiv Sena) ने अजीबोगरीब मांग की है. शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि यूपी (UP) में सपा (SP) की हार में अहम भूमिका निभाने के लिए मायावती (Mayawati) को पद्म विभूषण और असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को भारत रत्न देना चाहिए.

  1. पंजाब बीजेपी के लिए है चिंता का विषय
  2. राष्ट्रवादी पार्टी नहीं जीत पाई
  3. बीजेपी की जीत में ओवैसी की भूमिका अहम

अखिलेश यादव की सीटें 3 गुना बढ़ीं

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है. यूपी उनका राज्य था, फिर भी अखिलेश यादव की सीटें 3 गुना बढ़ गईं और वो 42 से 125 पर पहुंच गए. मायावती और ओवैसी ने बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाई, इसलिए उन्हें 'पद्म विभूषण' और 'भारत रत्न' मिलना चाहिए.

उत्तराखंड के सीएम क्यों हारे?

संजय राउत ने कहा कि बीजेपी 4 राज्यों में जीती है, हमें परेशान होने की कोई बात नहीं है, हम आपकी खुशी में शामिल हैं. उत्तराखंड के सीएम क्यों हारे? गोवा में 2 उपमुख्यमंत्री हारे. सबसे अधिक चिंता का विषय पंजाब है, बीजेपी जैसी राष्ट्रवादी पार्टी को पंजाब में पूरी तरह खारिज कर दिया गया है. 

पंजाब की जनता ने बीजेपी को किया खारिज

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, सभी ने पंजाब में जबरदस्त प्रचार किया, फिर आप पंजाब में क्यों हारे? यूपी, उत्तराखंड, गोवा पहले से आपका था, जो ठीक है. लेकिन आप यूपी में कांग्रेस और शिवसेना की तुलना में पंजाब में अधिक हारे हैं.

शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे इस सफलता के कारण अपच का शिकार नहीं होना चाहिए क्योंकि हार के मुकाबले जीत को पचाना अधिक मुश्किल होता है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ की संपादकीय में लिखा कि चार राज्यों में बीजेपी की जीत से महाराष्ट्र पर असर नहीं पड़ेगा और ‘इसका असर वैसा ही होगा जैसा कि बंदरों के शराब की बोतल पकड़ने पर होता है.’

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सामना में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में विकास पर जाति को वरीयता दी जाती है और इस बार बीजेपी चुनाव जीतने के लिए ‘हिजाब’ और जाति के मुद्दे का इस्तेमाल करके सफल रही. दावा किया गया कि मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने भी मौन रहकर बीजेपी की मदद की.

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि ऐसी उम्मीद थी कि अखिलेश यादव गठबंधन को लगभग 180 सीटों पर जीत मिलेगी क्योंकि उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही थी लेकिन वो 150 के आंकड़े को पार नहीं कर सकी. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के चुनाव में अपनी पार्टी की अगुवाई की. अगर अखिलेश यादव और कांग्रेस ने चुनाव साथ लड़ा होता तो वे कड़ा मुकाबला देने के लिए बेहतर स्थिति में होते.

सामना की संपादकीय में लिखा है कि गोवा में कांग्रेस केवल 11 सीट ही जीत सकी और बीजेपी को ‘आप’ और तृणमूल कांग्रेस के चुनाव लड़ने से फायदा मिला.

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