Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र की राजनीति में विधानसभा चुनाव से टूट की आहट महसूस होने लगी है. ऐसे संकेत मिलने लगे हैं कि महायुति गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और मौजूदा स्थिति में इसे हवा दी है, शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता रामदास कदम ने.
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BJP-Shivsena-NCP: लोकसभा चुनाव में बीजेपी को महाराष्ट्र में नुकसान उठाना पड़ा और अब 4 महीने बाद होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. बीजेपी की सहयोगी शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता ने विधानसभा चुनाव में 100 सीटों की मांग की है. ऐसे में क्या इसके लिए बीजेपी तैयार होगी या फिर चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल होगा?
महाराष्ट्र की राजनीति में विधानसभा चुनाव से टूट की आहट महसूस होने लगी है. ऐसे संकेत मिलने लगे हैं कि महायुति गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और मौजूदा स्थिति में इसे हवा दी है, शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता रामदास कदम ने.
100 सीटों की रखी मांग
NSCI कैंपस में अविभाजित शिवसेना के 58वें स्थापना दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें रामदास कदम ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 100 सीटों की मांग रखी.
उन्होंने कहा, शिंदे गुट वाली शिवसेना चाहती है कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए उसे 100 सीटें मिलें. रामदास कदम ने दावा किया है कि पार्टी 90 सीटों पर जीत सुनिश्चित करेगी.
महाराष्ट्र में शिंदे गुट वाली शिवसेना बीजेपी के साथ गठबंधन में है, जिसके साथ अजित पवार गुट वाली NCP भी है. लेकिन महायुति गठबंधन की पार्टियों के रुख में बदलाव लोकसभा चुनाव के बाद आया है.
लोकसभा चुनाव में महायुति का शर्मनाक प्रदर्शन
लोकसभा चुनाव में BJP को 9, शिवसेना को 7 और NCP को एक सीट पर जीत मिली थी. जबकि विपक्षी गठबंधन कांग्रेस, उद्धव गुट वाली शिवसेना और शरद गुट की NCP को 30 सीटों पर जीत मिली थी.
सवाल है कि क्या बीजेपी शिवसेना को 100 सीटें देने के लिए राजी होगी. अगर बीजेपी तैयार होती है, तो उसके खाते में कितने सीटें आएंगी. और कितनी सीटें अजित पवार के हिस्से में जाएंगी. क्योंकि बीजेपी की टेंशन सिर्फ शिंदे गुट वाली शिवसेना नहीं बढ़ा रही है, बल्कि अजित गुट की NCP के नेता छगन भुजबल राज्य में 80 से 90 सीटों की मांग रख चुके हैं.
क्या बीजेपी का साथ छोड़ेंगे अजित पवार?
2019 के चुनाव में अपने दम पर 103 सीटें जीतने वाली बीजेपी इससे कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तो तैयार नहीं होगी. इसलिए ऐसी भी चर्चा है, कि सहयोगियों की सीटों वाली मांग को देखते हुए, बीजेपी अजित पवार को छोड़कर चुनाव में उतर सकती है. क्योंकि, शिंदे गुट की शिवसेना का लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन अच्छा रहा है। इसलिए विधानसभा में बीजेपी को उससे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.
महाराष्ट्र में क्या है गणित
दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के पास कुल 71 सीटें हैं, जिसमें कांग्रेस की 37 सीट, उद्धव गुट की शिवसेना की 16 और शरद पवार वाले गुट की NCP की 12 सीटे हैं.
अगर अजित गुट बीजेपी से अलग होता भी है, तो मौजूदा स्थिति में महाराष्ट्र में बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार बनी रहेगी.
बीजेपी की चिंता अक्टूबर में होने वाले चुनाव को लेकर है. अगर शिवसेना और NCP दोनों बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ती हैं तो यहां बीजेपी को नुकसान हो सकता है क्योंकि, लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में उसकी स्थिति कुछ कमजोर हुई है.