Sikar News: सीकर के एक सरकारी स्कूल में अध्यापकों के लेट आने से ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने स्कूल के बाहर तालेबंदी की और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने अध्यापकों पर मनमर्जी के आरोप लगाए और कहा कि स्कूल व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर वे बड़े आंदोलन को मजबूर होंगे।
सीकर जिले के पिपराली ब्लॉक की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भरगड़ों की ढाणी तन पुरोहितों का बास में स्कूल स्टाफ व अध्यापकों के स्कूल समय से लेट आने से आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर स्कूल के बाहर जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और हंगामा शुरू कर दिया.
ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे सरपंच में प्रधानाध्यापक ने ग्रामीणों से समझाइस की और मामला शांत किया. ग्रामीणों ने सरपंच और प्रधानाध्यापक को लिखित में अवगत करवाते हुए बताया की स्कूल के अध्यापक समय पर स्कूल नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इसलिए समय-समय पर स्कूल का निरीक्षण कर समय पर नहीं आने वाले अध्यापकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. प्रधानाध्यापक के लिखित में आश्वासन देने के के बाद मामला शांत हुआ.
ग्रामीण बुलेश गुर्जर, राजू गुर्जर व संदीप गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव के सरकारी स्कूल को यहां पढ़ाने वाले अध्यापक अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं. सरकारी विद्यालय का समय सुबह 10 का है जबकि दोपहर 12 बजे स्कूल खुलता है और अध्यापक भी समय पर स्कूल नहीं आते हैं. इसके साथ ही अध्यापक बच्चों को पढ़ाई तक नहीं करते और सिर्फ पढ़ाई के नाम पर फॉर्मेलिटी की जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में 9 अध्यापक है फिर भी पिछले वर्षों की बजाय स्कूल का नामांकन भी घट चुका है.
स्कूल में 2 साल पहले जहां 200 छात्र थे वह अब घटकर सिर्फ 40 ही रह गए. ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी समस्या से उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके चलते आज ग्रामीणों को तालाबंदी और विरोध प्रदर्शन करना पड़ा. मामले को लेकर सरपंच व स्कूल प्रधानाध्यापक को भी लिखित में अवगत करवाया गया है.
स्कूल के प्रधानाध्यापक के सही व्यवस्था करने का लिखित में आश्वासन देने के बाद ग्रामीण माने और मामला शांत हुआ. ग्रामीणों का कहना है कि अगर आगे से स्कूल स्टाफ समय पर नहीं आएगा और सही तरीके से बच्चों को पढ़ाई नहीं कराई जाएगी तो ग्रामीण बड़ा आंदोलन करेंगे. जिसकी सारी जिम्मेदारी स्कूल स्टाफ प्रशासन की होगी.