Bikaner News: राजस्थान के बीकानेर में कैमल फेस्टिवल की धूम मची हुई है. ऐसे में जूनागढ़ किले से लेकर स्टेडियम तक विशेष झांकी सजी हुई हैं. राजस्थानी लोक-कलाकारों सहित अन्य प्रदेशों के कलाकारों द्वारा भी प्रस्तुतियां दी गई.
Trending Photos
Bikaner News: दुनिया के एक मात्र कैमल फेस्टिवल को धूम देखने को मिल रही है. फेस्टिवल में कला के कई रंग देखने को मिल रहे हैं. वहीं, बीकानेर पूरी तरह से कला के रंग में रंग चुका है. जूनागढ़ किले से लेकर स्टेडियम तक विशेष झांकी और सांस्कृतिक संध्या ने समा बांधा.
अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव में डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में मिस मरवण, मिस्टर बीकाणा, ढोला मरवण प्रतियोगिताएं विशेष आकर्षण का केंद्र रही. महक दफ्तरी ने मिस मरवण का खिताब जीता. वहीं, मिस्टर बीकाणा का खिताब योगेश सेवग ने जीता.
पारंपरिक रंग-बिरंगे परिधानों में सजे प्रतिभागियों ने विभिन्न चरणों में आयोजित इन प्रतियोगिताओं में शिरकत की और सैलानियों को बीकानेर की समृद्ध लोक संस्कृति से रूबरू करवाया. एक ओर जहां पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे रोबीले वीर रस से ओतप्रोत गीतों के साथ कदमताल करते दिखे. वहीं, नखशिख श्रृंगार के साथ युवतियों ने बढ़-चढ़ कर प्रतियोगिताओं में भागीदारी निभाई.
इस दौरान 40 फीट मूंछों के साथ गिरधर व्यास ने सैलानियों को आकर्षित किया. लोक-संस्कृति और लोकधुनों की थाप ने शाम को बेहद खास और खुबसूरत बना दिया. डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में देर शाम फॉक नाइट का आयोजन हुआ. राजस्थानी लोक गीत और लोक धुनों से सजे धुनों का लुत्फ उठाया. इस दौरान राजस्थानी लोक-कलाकारों सहित अन्य प्रदेशों के कलाकारों द्वारा भी प्रस्तुतियां दी गई.
पद्मश्री से सम्मानित बीकानेर के मांड लोक गायक अली-गनी ने सुरीले गीतों ने विदेशी पर्यटकों को राजस्थानी संस्कृति का परिचय दिया. उनके गीतों ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया. स्थानीय कलाकार वर्षा सैनी द्वारा प्रस्तुत चरी नृत्य पर स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
महाराष्ट्र का लोकनृत्य सोंगी मुखौटा एवं मथुरा के मयूर नृत्य ने सैलानियों का दिल जीत लिया. कलाकारों ने घूमर, भंगड़ा, घुटना चकरी, फाग, हरियाणवी घूमर, नौरता सहित अन्य नृत्यों ने पर्यटकों को नाचने पर मजबूर कर दिया. इस अवसर पर देशी और विदेशी सैलानी इन पलों को कैमरे में कैद करते नजर आए.