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सीकर: मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी ने बाजरे के समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर 28 अक्टूबर से सीकर में कलेक्ट्रेट के बाहर अनिश्चकालीन धरना शुरू करने का आह्वान किया है. माकपा नेता अमराराम ने जानकारी दी और उन्होंने आरोप लगाया कि बाजरे की खरीद नहीं कर सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है. पिछले साल भी सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों को करीब 7500 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ था.
उन्होंने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए आरोप लगाया कि बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने से किसान परेशान है. किसानों को भारी घाटे का सामने करना पड़ रहा है. लेकिन इसके बाद भी सरकार अपनी हठधर्मिता अपना रही है. पिछले साल भी किसानों को 7500 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा था . वहीं इस बार के रवैये से भी किसानों को नुकसान की आशंका बढ गई है.अमराराम ने बताया कि किसानों को मजबूर होकर 1600-1700 रुपए प्रति क्विंटल बाजरा बेचना पड़ रहा है. जबकि समर्थन मूल्य 2350 रुपए प्रति क्विंटल है . ऐसे में किसानों को एक क्विंटल पर 700-800 रुपए का नुकसान हो रहा है.
लक्ष्मणगढ़ में भाजपा सम्मेलन पर कहा कि किसानों के हितों की बात करने वाली मोदी सरकार तीन अध्यादेश लाकर किसानों की जमीनें कॉर्पेरेट से हड़पवाना चाहती थी. ऐसे में दोनों सरकारें ही किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंक रही है. अमराराम ने कहा कि किसानो की बदहाली के लिए केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य सरकार दोनों जिम्मेदार है. भाजपा को तो किसान सम्मेलन करने का कोई अधिकारी नहीं है क्यों कि केन्द्र सरकार ने किसानों विरोधी निर्णय लिए है. वैसा ही कांग्रेस सरकार किसानों के साथ कर रही है. उन्होने बताया कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कहते है बाजरे की खरीद कर किसको दें. हरियाणा में बाजरा खरीदा जा रही है लेकिन राजस्थान का किसान परेशान है. इसलिए आने वाले विधानसभा चुनाव में किसान हितेषी की बात करने वालों को सबक सिखाया जाएगा.
मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री को भी चिट्ठी भेजी गई है. इसके बाद भी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो माकपा की ओर से 28 अक्टूबर से प्रदेशभर में अनिश्चकालीन धरना देगी. इसके साथ ही प्रदर्शन, रैली सहित अलग अलग तरीकों से सरकार को जगाने का काम किया जाएगा.