Sawai Modhopur News: नगर पालिका मुख्यालय बौंली पर इस वर्ष मानसून के दौरान बेहद अच्छी बारिश होने के बाद सिंघाड़े की खेती परवान पर है. क्षेत्र के मीठे सिंघाड़े न केवल बौंली वरन भाड़ोती,सवाई माधोपुर, लालसोट ,जयपुर सहित कई जिलों के लोगों के मुंह की मिठास बन रहे हैं.
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Sawai Modhopur News: नगर पालिका मुख्यालय बौंली पर इस वर्ष मानसून के दौरान बेहद अच्छी बारिश होने के बाद सिंघाड़े की खेती परवान पर है. क्षेत्र के मीठे सिंघाड़े न केवल बौंली वरन भाड़ोती,सवाई माधोपुर, लालसोट ,जयपुर सहित कई जिलों के लोगों के मुंह की मिठास बन रहे हैं. फ्रूट्स में विशेष जायका रखने वाले मीठे सिंघाड़े मानसूनी बारिश पर निर्भर है।बौंली के खारीला बांध पर लगभग 15 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट करने के बाद किसानों को बेहद अच्छी आमद होती है. किसानों के मुताबिक लगभग 25 लाख रुपए के सिंघाड़े विक्रय किए जाते हैं। जिससे अच्छा खासा मुनाफा हो जाता है.
पूर्व में खारीला बांध ग्राम पंचायत के अधीन था और ग्राम पंचायत द्वारा ही सिंघाड़े की खेती हेतु नीलामी की जाती थी. नगर पालिका बनने के बाद नीलामी प्रक्रिया नहीं की गई। ऐसे में बांध क्षेत्र के खातेदारों द्वारा ही विशेषज्ञ किसानों को अपने-अपने मुनाफे के हिसाब से खेती करने के लिए अनुमत किया गया.
जुलाई माह में बांध में पानी की आवक होने लगी. जुलाई माह के अंत से ही बीज रोपण का कार्य शुरू हो गया. वहीं विगत 15 दिनों से सिंघाड़े की उपज प्राप्त होने लगी. यूं तो सिंघाड़े की खेती करना जोखिम भरा है. किसान मजदूर वर्ग ट्यूब व नाव की सहायता से या तैर कर ही गहरे पानी में जाते हैं और बीज रोपण करते हैं. साथ ही नाव में बैठकर ही बांध क्षेत्र से सिंघाडों के फलों को तोड़ा जाता है. सिंघाडे को बांध के पानी में अच्छे से साफ करने के बाद विक्रय के लिए लाया जाता है.
खारीला बांध के समक्ष मुख्य रोड पर व स्थानीय सब्जी मंडियो में सिंघाड़े विक्रय किए जाते हैं. सवाई माधोपुर के अतिरिक्त जयपुर व दौसा जिले में भी बौंली के मीठे सिंघाडे का निर्यात किया जाता है. यूं तो सिंघाड़े की खेती बेहद मुनाफे वाली होती है. लेकिन मजदूरी की दरें बढ़ने के बाद सिंघाड़े का व्यावसायिक लाभ अपेक्षित नहीं होने से किसानों में इस वर्ष मायूसी बनी हुई है.
बौंली के खारीला बांध पर उपज होने वाले सिंघाड़े अपनी विशेष पहचान रखते हैं. विशेष मिठास के चलते खारीला बांध के सिंघाड़े क्षेत्र में प्रसिद्ध है. भाजपा नेता गिरीश गौतम ने बताया कि अनुमानित 25 लाख रुपए के सिंघाड़े की उपज हर वर्ष यहां होती है. लेकिन मानसूनी सत्र में बारिश न होने पर जब बांध रीते रह जाते हैं तो सिंघाड़े की खेती नहीं हो पाती. गौतम ने बताया कि पूरे उपखंड मुख्यालय का पानी खारीला बांध में इकट्ठा होता है और बांध का पानी मीठा होने की वजह से सिंघाडो की मिठास भी बढ़ जाती है.