सियासत की बुलंदी पर यकी इतना ना कर, यह कुर्सी है बदलने में जरा सी देर लगती है, लेकिन जब बदलती है तो काबिज होने वाला ही सियासत का नया बॉस कहलाता है और शायद इसे ही सियासत कहते हैं.
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Bhajanlal Sharma: सियासत की बुलंदी पर यकी इतना ना कर, यह कुर्सी है बदलने में जरा सी देर लगती है, लेकिन जब बदलती है तो काबिज होने वाला ही सियासत का नया बॉस कहलाता है और शायद इसे ही सियासत कहते हैं. मरुधरा की सियासत के नए बॉस भजन लाल शर्मा बन गए हैं, बड़े-बड़े दिग्गज इस कुर्सी की ताक बैठे ही रह गए और इस पर भजनलाल शर्मा काबिज हो गए.
दरअसल यह बेहद ही खास तस्वीरें है जिसमें कई मुख्यमंत्री पद के दावेदार नवनिवार्चित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इर्द-गिर्द दिखाई दे रहे हैं, यह जगह सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री ऑफिस है, जो बीते दशक में 10 साल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी आधिकरिक कमरा रहा, लेकिन वक्त बदलते देर नहीं लगती. आज वसुंधरा राजे इस कुर्सी के बेहद करीब तो हैं लेकन कुर्सी पर 'शर्माजी' काबीज हैं.
गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, अर्जुन राम मेघवाल, किरोड़ी लाल मीणा, राजेंद्र राठौड़ समेत कई दिग्गज इस कुर्सी के करीब तक तो पहुंचे लेकिन सुपर बॉस यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक इशारे के बाद भजनलाल शर्मा सूबे के नए बॉस बन गए और अब उन्होंने ताबड़तोड़ फैसले लेते हुए यह साबित भी कर दिया है कि 'आई एम द बॉस ऑफ राजस्थान!'
राजस्थान के चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आए तो कई दिग्गजों ने इसी कुर्सी पर टकटकी लगाए बैठे थ, घंटे दिन में बदले इस कुर्सी को लेकर जारी रस्साकशी उन्हें इस कुर्सी से दूर करती चली गई, लेकिन 10 दिन बाद जब फैसला हुआ तो हर किसी के होश फाख्ता हो गए और सालों के अनुभव मिट्टी में मिल गए, क्योंकि पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को सूबे की कमान मिल गई.
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