राजस्थान में क्या मुस्लिम कांग्रेस छोड़ BJP के साथ गया, जानिए 40 सीटों का चुनावी गणित
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राजस्थान में क्या मुस्लिम कांग्रेस छोड़ BJP के साथ गया, जानिए 40 सीटों का चुनावी गणित

Rajasthan Election 2023 Muslim Voters: राजस्थान में एक दौर में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के पाले में हुआ करता था, लेकिन जैसे-जैसे कांग्रेस कमजोर होती गई उससे यह वोट बैंक भी खिसकता गया. 

राजस्थान में क्या मुस्लिम कांग्रेस छोड़ BJP के साथ गया, जानिए 40 सीटों का चुनावी गणित

Rajasthan Election 2023 Muslim Voters: बीजेपी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में जुटे है तो दूसरी और कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने विधानसभा चुनाव के लिए 25 मुस्लिम को टिकट देने की मांग की है. एक दौर में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के पाले में हुआ करता था, लेकिन जैसे-जैसे कांग्रेस कमजोर होती गई उससे यह वोट बैंक भी खिसकता गया. कमोबेश राजस्थान की भी यहीं स्थिति रही है. लेकिन पिछले दो दशक में केन्द्र में वाजपेयी सरकार के बाद से ही मुस्लिम मतदाता अलग-अलग हिस्सों में बिखरने लगा. इसका खामियाजा भी कांग्रेस को लगातार भूगतना भी पड़ा हैं. लेकिन अब कांग्रेस फिर से विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम मतदाताओं को अपने साथ लाना चाहती है.

2018 के विधानसभा चुनाव की स्थिती

कांग्रेस ने दिए थे 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट
वहीं बीजेपी ने एकमात्र युनूस खान को उतारा था मैदान में

2013 के विधानसभा चुनाव की स्थिती

2013 में भाजपा ने उतारे थे 4 मुस्लिम उम्मीदवार
4 में से 2 मुस्लिम उम्मीदवारों ने दर्ज की थी जीत

2013 में राजस्थान के कांग्रेस से 16 मुस्लिम उम्मीदवार
लेकिन एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं जीत पाया चुनाव

मुस्लिम बाहुल्य वाली विधानसभा सीटें

आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर, पुष्कर, मसूदा, अजमेर शहर, तिजारा, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, कामां, नगर, बीकानेर पूर्व, सरदार शहर, सूरसागर, शिव, पोकरण, मकराना, चूरू, फतेहपुर, धौलपुर, नागौर, मकराना, डीडवाना, मंडावा, नवलगढ़, नागौर, झंझुनू, सीकर और दातारामगढ़

देश में मुस्लिम आबादी के मामले में राजस्थान 9 वें स्थान पर है. 2011 की जनगणना के मुताबिक राजस्थान में मुस्लिमों की जनसंख्या करीब 62 लाख है. मतदाता के तौर पर राजस्थान में मुस्लिम आबादी लगभग 40 सीटें प्रभावित करती है. सीकर, झुंझुनूं, चूरू, जयपुर, अलवर, भरतपुर, नागौर, जैसलमेर और बाड़मेर जैसी 16 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी जीतते रहे हैं. वही प्रदेश की 24 सीटें ऐसी हैं, जहां बड़ा मुस्लिम वोट बैंक है. इनके वोट से ना केवल चुनाव के नतीजों पर असर पड़ता है बल्कि कई बार हार जीत भी तय करती है.
बाईआबीद कागजी, अध्यक्ष कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग

राजस्थान के मुसलमान कांग्रेस को एकमुश्त वोट देते रहे रहें हैं, लेकिन उसकी तुलना में उनको राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है. कांग्रेस मुसलमानों को भाजपा का डर दिखाकर उनके वोट लेती रही है.गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 मुस्लिमों को टिकट दिया था जिनमें से आठ जीतने में कामयाब रहे. कभी राजस्थान में कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक मुस्लिम विधायक होते थे, लेकिन अब कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में भी मुसलमानों को टिकट देने की संख्या घटा दी है. जिस कारण उनका विधानसभा में भी प्रतिनिधित्व कम हो गया है. कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने इस बार राजस्थान कांग्रेस से मुस्लमानों के प्रतिनिधित्व को बढाने की मांग करते हुए 25 टिकट देने की मांग की है.
आबीद कागजी, अध्यक्ष कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग

एक ओर जहां बीजेपी राजस्थान के मुस्लिम मतदाताओं में अपनी पहुंच बढाने के प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन भी मुस्लिम वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए है. ऐसे में राजस्थान में आगामी चुनावों में कांग्रेस के लिए अपने इस परंपरागत वोट बैंक को साधे रखना एक बड़ी चुनौती होगी.

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