Barmer Jaisalmer Politics : असदुद्दीन ओवैसी के दौरे ने बाड़मेर जैसलमेर की राजनीति का पारा बढ़ा दिया है. शिव विधायक अमीन खान और पोकरण से विधायक सालेह मोहम्मद का गणित बिगाड़ दिया है. अशोक गहलोत सरकार में दोनों कांग्रेस विधायक पर आखिर आक्रामक क्यों थे ओवैसी. क्या है पश्चिमी राजस्थान का सियासी गणित
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Rajasthan politics : राजस्थान चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहे है. पश्चिमी राजस्थान में भी सियासी पारा बढ़ रहा है. असदुद्दीन ओवैसी के बाड़मेर जैसलमेर और जोधपुर के दौरे के बाद कांग्रेस बीजेपी के कई नेताओं के बयान तेज हो गए है. ओवैसी ने बाड़मेर की शिव विधानसभा के गागरिया में सभी की. जहां से कांग्रेस के सीनियर नेता अमीन खान विधायक है. तो जैसलमेर के पोकरण से विधायक सालेह मोहम्मद ने ओवैसी को तल्खी भरे अंदाज में जवाब दिया है. सालेह मोहम्मद ने कहा कि ओवैसी जिस तरह की भाषा बोल रहे है, उससे वो यहां के मुसलमानों का भला नहीं करना चाहते है. बल्कि सिर्फ अपना और अपनी पार्टी का भला करने आए है.
ओवैसी ने पोकरण विधायक और अशोक गहलोत सरकार में अल्पसंख्यक मामला मंत्री सालेह मोहम्मद पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वो जुनैद और उसके साथी के मर्डर मामले में सालेह मोहम्मद चुप्पी साधे हुए है. इसके अलावा ओवैसी ने शिव विधायक अमीन खान पर भी सवाल उठाए. गागरिया में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अमीन खान अपने यहां आने वाले कार्यकर्ताओं से पूछते है कि मुझे वोट दिया था. अगर नहीं दिया तो तेरा काम नहीं होगा. ये राजे रजवाड़े नहीं है कि राजा के घर जन्मा ही राजा बनेगा. इस बार अमीन खान को जीतकर विधायक नहीं बनने देंगे.
असदुद्दीन ओवैसी के बाड़मेर जैसलमेर दौरे के बाद दोनों नेताओं ने उस पर पलटवार शुरु कर दिया है. एक तरफ जहां अमीन खान के परिवार से ताल्लुक रखने वाले सियासी तौर पर सक्रीय नेता इंटरव्यू दे रहे है. स्थानीय मीडिया चैनलों को इंटरव्यू देकर ओवैसी के आरोपों पर सफाई दे रहे है. तो दूसरी तरफ सालेह मोहम्मद ने अगले ही दिन जैसलमेर में हुए एक कार्यक्रम में ओवैसी को जमकर जवाब दिया. सालेह मोहम्मद के 10 मिनट के करीब भाषण में आधे से ज्यादा भाषण ओवैसी पर केंद्रित रहा.
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अमीन खान और सालेह मोहम्मद की बाड़मेर जैसलमेर जिले में जहां सियासत चलती है. वहां मुस्लिम वोटर बड़ी तादात है. शिव हो या पोकरण. दोनों जगह मुस्लिम निर्णायक भूमिका में है. ओवैसी अगर यहां घुसपैठ करने में कामयाब होते है. तो दोनों नेताओं के लिए मुश्किलें हो सकती है. गागरिया में हुई सभा में काफी तादात में भीड़ जुटी थी. शिव में ओवैसी मस्लिम दलित समीकरणों पर ध्यान दे रहे है. हनुमान बेनीवाल की पार्टी से 2018 में चुनाव लड़ने वाले ऊदाराम मेघवाल ने भी ओवैसी के साथ मंच साझा किया. अमीन खान और सालेह मोहम्मद का परिवार पिछले 4 दशक से मुस्लिम वोटबैंक के दम पर ही बाड़मेर जैसलमेरमें अपने अपने इलाके की सियासत चला रहे है.
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