Nagaur News: राजस्थान के डीडवाना में प्रतिवर्ष हजारो साइबेरियन सारस माइग्रेट करके भारत के कई शहरों में आते है और यहां कुछ महीनों अपना प्रवास करते है. यहां डीडवाना में अनुकूलताए है. इनका पसंदीदा भोजन यहां मिलता है.
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Nagaur News:राजस्थान के डीडवाना में प्रतिवर्ष हजारो साइबेरियन सारस माइग्रेट करके भारत के कई शहरों में आते है और यहां कुछ महीनों अपना प्रवास करते है.
विशेषज्ञ बताते है कि मीलो का सफर कर यह पक्षी सुदूर साइबेरिया से भारत आता है हर रात को यह पक्षी लगभग 50 किलोमीटर प्रतिघन्टे की रफ्तार से 400 से 500 किलोमीटर की यात्रा करता है . इनका खासतौर से आने का समय सर्दी का मौसम है.यहां डीडवाना में अनुकूलताए है. इनका पसंदीदा भोजन यहां मिलता है.
जानकर कहते है कि भारत मे आने वाले इन पक्षियों के लिए इनके हेबिटेट इनके रहवास क्षेत्र को विकसित करना चाहिय ताकि यह पक्षी यहां लगातार आता रहेंगा और पक्षी यहां आता रहेगा तो डीडवाना में इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रुप मे भी विकसित किया जा सकता है.
प्रवासी पक्षी भारत मे कई स्थानों पर आते है सांभर झील डीडवाना फलोदी के खींचन क्षेत्र में कुरजां प्रवासी पक्षी बहुतायत से आता है. यहां आने के पीछे कारण है कि यह वेटलैंड क्षेत्र होने के साथ- साथ यहां इनके भोजन के लिए खाने में काम मे आने वालीग्रीन एलगी यहां शहर के आसपास भरे पानी मे बहुतायत से मिलती है जो इनका पसंदीदा भोजन भी है. साथ ही इस समय का वातावरण इनके अनुकूल भी है
इंसान ने अपने लिए प्रकृति से छेड़छाड़ करने के साथ साथ पक्षियों के हेबिटेट और इनके रहवास क्षेत्र को नुकसान पंहुचाया है. मानव द्वारा किये जा रहे इस नुकसान की वजह से 10 लाख प्रजातियां आज संकट में आ गई है. रिपोर्ट को देखते हुए प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नही करना चाहिये ताकि इनकी प्रजातियां बचाई जा सके.
मानव ने प्रकृति से अंधाधुंध दोहन और प्रकृति से छेड़छाड़ आज मानव के लिए ही संकट बनती जा रही है जरूरत है बेजुबान पक्षियों के संरक्षण की जिससे यह सुंदर राजहंस सुदूर साइबेरिया से हर साल भारत ऐसे ही आता रहे.
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