मेड़ताः वार्षिक चतुर्मास में श्रद्धालुओं की भीड़, कागज की नांव की तैरती ईटों के हुए दर्शन
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मेड़ताः वार्षिक चतुर्मास में श्रद्धालुओं की भीड़, कागज की नांव की तैरती ईटों के हुए दर्शन

नगौर जिले के रेण ग्राम स्थित अखिल भारतीय वरिष्ठ रामस्नेही संप्रदाय प्रधान पीठ रामधाम देवल में पीठाचार्य सज्जनराम रामस्नेही के सानिध्य में दो माह से आयोजित किए जा रहे वार्षिक chaturmas 2022 का पूजा-अर्चना के साथ समापन किया गया. महाराज ने इस अवसर पर  तपस्याकृत दो ईंटो को 20 मीनट तक श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ पवित्र लाखासागर सरोवर में तैरा कर किया. 

मेड़ताः वार्षिक चतुर्मास में श्रद्धालुओं की भीड़, कागज की नांव की तैरती ईटों के हुए दर्शन

Merta:  नगौर जिले के रेण ग्राम स्थितअखिल भारतीय वरिष्ठ रामस्नेही संप्रदाय प्रधान पीठ रामधाम देवल में पीठाचार्य सज्जनराम रामस्नेही के सानिध्य में दो माह से आयोजित किए जा रहे वार्षिक चातुर्मास का पूजा-अर्चना के साथ समापन किया गया.

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 वार्षिक चतुर्मास का समापन नौखा चांदावता के त्यागी संत रामप्रकाश महाराज, संत ओमदास महाराज ने दरियाव महाराज की तपस्याकृत दो ईंटो को 20 मीनट तक श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ पवित्र लाखासागर सरोवर में तैरा कर किया. 

चातुर्मास समापन के चलते रामधाम देवल में दूर-दराज के संतजनों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु का जनसैलाब उमड़ा . रामधाम देवल सहित लाखासागर परिसर में पैर रखने तक की जगह नही बची. सर्वप्रथम पीठाचार्य सज्जनराम महाराज रामधाम देवल के उत्तराधिकारी संत बस्तीराम शास्त्री द्वारा सुबह 7 बजे आदी आचार्य दरियाव महाराज व ब्रह्मलीन पूर्व पीठाचार्य हरिनारायण महाराज की चरण पादुका पुजन कर आरती की गई तत्पश्चात 8 बजे रामस्नेही संतो ने वाणीजी का पाठ किया तथा दोपहर 2 से 4 बजे तक पीठाचार्य ने कथा वाचक संत सुखदेव महाराज, उत्तराधिकारी बस्तीराम शास्त्री ने सत्संग में प्रवचन दिए. 

दोपहर 3 बजे से ही श्रद्धालु लाखासागर सरोवर के चारों ओर दरियाव महाराज की तपस्याकृत व चमत्कारी ईट के दर्शन के इंतजार में खड़े हो गए. ज्यों ही रामधाम देवल से कड़ी पुलिस चौकसी के साथ चमकीले वस्त्र में लिपटी दो ईटे लेकर संतजन लाखासागर सरोवर की ओर बढ़े तो तट पर मौजुद श्रद्धालु दरियाव महाराज व ब्रह्मलीन पूर्व पीठाचार्य के गंगनवेदी जयकारे लगाने लगे. 

संतो ने लाखासागर सरोवर के चारों ओर खड़े श्रद्धालुओं को लगभग 20 मीनट तक कागज की नांव की भांति तैरती ईटों के दर्शन करवाए. दरियाव महाराज की चमत्कारी ईटों को तैराता देख तट पर खड़े श्रद्धालु आश्चर्यचकित रह गए. इसके पश्चात सरोवर तट पर खड़े हजारों की तादात में श्रद्धालु पवित्र लाखासागर सरोवर का जल गंगाजल के समान बोतलों में भर कर अपने साथ ले गए . 

रामधाम देवल के सत्संग भवन में शनिवार को चातुर्मास के अंतिम दिन पीठाचार्य सज्जनराम महाराज ने कहा कि मनुष्य की आत्मा संसार के घटकों परिवार सगे-संबंधियों आदि के साथ जुड़ जाने के कारण वह स्वरूप को भूल गया है. आज के भौतिक युग में व्यक्ति भक्ति के माध्यम से ईश्वरीय शक्ति को प्राप्त कर अपने स्वरूप को पहचान सकता है.

 एक छोटी सी चिनगारी में विकराल रूप धारण करने की शक्ति विद्यमान है, वैसे ही हर प्राणी में चिनगारी के रूप में अपार शक्ति छिपी है, लेकिन वह उसे पहचान नही पा रहा है. उन्होंने कहा कि दरियाव महाराज ने भी भगवान राम को अपना मालिक मानते हुए वाणी में कहा ‘मेरा मालिक कोटि-कोटि ब्रह्माण्ड का मालिक है वह सर्वत्र व्यापक है संसार के समस्त घटकों में विद्यमान है तीर्थ, व्रत तथा देवताओं के देवता भी राम ही है।

चातुर्मास समापन पर मेड़ता पूर्व विधायक रामचंद्र जारोडा, मेड़ता एक्सईएन रामजीवन जाखड़, रामरख सुथार जोधपुर, डेह मंहत आन्नदीरामचार्य, डेह उत्तराधिकारी श्रीराम महाराज, तुकाराम महाराज भादवासी, लक्ष्मणदास, ओमदास महाराज, संत रामेश्वदास, संत कीमतराम, दादूपंथी पुरूषोत्तमदास, श्रीराम शास्त्री रेण, कबीर पंथी संत श्रीराम लवारी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी व दूर-दराज के श्रद्धालु मौजुद रहे .वही मेले में मेड़ता रोड़ एसएचओ राजपाल सिंह मय जाप्ता मौजूद थे.

Reporter: Hanuman Tanwar

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