Rajasthan Politics: बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र भाटी ने की अमीन खान से मुलाकात, जानिए क्या हैं सियासी मायने?
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Rajasthan Politics: बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र भाटी ने की अमीन खान से मुलाकात, जानिए क्या हैं सियासी मायने?

Rajasthan Politics: बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र भाटी ने अमीन खान से मुलाकात की. जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

Rajasthan Politics: बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र भाटी ने की अमीन खान से मुलाकात, जानिए क्या हैं सियासी मायने?

Rajasthan Politics: मारवाड़ के कद्दावर नेता अमीन खान (Amin Khan) से रविंद्र भाटी (Ravindra Bhati )ने से मुलाकात की है. इस मुलाकात की तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर की है.  रविंद्र भाटी की अमीन खान से मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर रविंद्र भाटी ने लिखा,''थार की वो शख़्सियत जिन्होंने हमेशा सौहार्द व भाईचारे को बनाये रखा , वाकई वर्तमान राजनीति में ऐसे कद्दावर नेता नहीं बचे.आज शिव के पूर्व विधायक आदरणीय अमीन ख़ान साहब से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया.''

विधानसभा चुनाव 2023 की बात करें तो कांग्रेस के अमीन खान के खिलाफ रविंद्र सिंह भाटी चुनाव लड़े थे. इस दौरान रविंद्र सिंह भाटी की जीत हुई. चर्चा इस बात की भी है कि रविंद्र भाटी से अमीन खान चुनाव हारने के बाद भी लोकसभा चुनाव में भाटी का सपोर्ट कर रहे थे. 

बता दें कि हाल ही में राजस्थान में लोकसभा चुनाव का दूसरा चरण समाप्त होने के बाद कांग्रेस ने शिव विधानसभा से पूर्व विधायक अमीन खान (Amin Khan)को भी पार्टी ने निलंबित कर दिया है. छह साल के लिए पार्टी से उन्हें निलंबित किया गया है. अमीन खान पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी के विरोध में काम किया.5 बार विधायक अमीन खान रह चुके हैं.

रविंद्र सिंह भाटी ने बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा है. वह कांग्रेस और भाजपा दोनों के सामने बड़ी चुनौती बने हुए हैं. ऐसे में भाटी के अमीन खान से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि अमीन खान से भाटी की मुलाकात का मतलब कहीं ना कहीं कांग्रेस को सपोर्ट करना है. बाड़मेर सीट से लोकसभा चुनाव में वैसे भी चर्चा का विषय रही है. बाड़मेर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला. इसी सीट पर भाजपा के केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी भी मैदान में रहे. अगर इस सीट पर बीजेपी के लिए पेंच फंसता है तो रविंद्र भाटी कांग्रेस को सपोर्ट दे सकते हैं. हालांकि 4 जून को नतीजे आने के बाद ही सीट की स्थिति साफ हो पाएगी.

 

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