शनिदेव की पूजा करते समय बहुत सावधानी की जरूरत होती हैं. वरना न्याय के देवता शनिदेव की नाराजगी झेलनी पड़ती है. खासकर कि महिलाओं को शनिदेव की पूजा करते वक्त इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.
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How to worship Shani Dev : कर्मफल और न्यायप्रिय शनिदेव अगले महीने 17 जून को कुंभ राशि में वक्री होंगे. सबसे धीमी रफ्तार से चलने वाले शनि ग्रह करीब ढाई साल तक एक राशि में रह कर शनि की ढैय्या बनाते हैं.
शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या का असर अलग अलग राशियों में अलग-अलग पड़ता है. शनि देव मेष राशि में नीच अवस्था में और तुला राशि में उच्च अवस्था में होते हैं. हनुमान जी ने नाखूनों से खुद लिखी थी पहली रामायण, फिर क्यों खुद मिटा दिए सबूत
शनिदेव की पूजा करते समय बहुत सावधानी की जरूरत होती हैं. वरना न्याय के देवता शनिदेव की नाराजगी झेलनी पड़ती है. खासकर कि महिलाओं को शनिदेव की पूजा करते वक्त इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए. फटे कुर्ते से बीरबल से सुलझा दी थी अकबर की उलझन, पढ़ें अकबर-बीरबल की कहानी
महिलाएं शनिदेव की पूजा के समय उसको स्पर्श ना करें, ऐसा करने पर आपके जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं.
महिलाओं को शनिदेव पर तेल नहीं चढ़ाना चाहिए. आप सिर्फ तेल अर्पित कर सकती हैं. जिसके लिए एक कटोरी में तेल को शनिदेव के सामने रखे दें या फिर दीपक जला दें.
ज्योतिष के अनुसार शनि पूजा महिलाओं को नहीं करनी चाहिए. अगर कुंडली में शनि दोष हैं तो किसी ज्योतिष से परामर्श लेकर ही शनिदेव की आराधना करें.
कभी भी शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए. ऐसा करना शनिदेव का अपमान माना जाता है.
किसी भी गर्भवती महिला को शनिदेव या फिर भैरवनाथ के मंदिर में नहीं जाना चाहिए.
अगर किसी महिला को शनि के प्रकोप से बचना है तो शनिवार के दिन शनि मंदिर ना जाकर , शनिदेव से जुड़ी चीजों का दान किया जा सकता है.