मुर्गी फॉर्मों के अपशिष्ट को भी खुले में डाला जाता है. जिसके कारण इन पर मक्खियां मंडराती रहती है. साथ ही खुले में अपशिष्ट डालने के कारण वातावरण पूरी तरीके से दूषित हो रखा है.
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Udaipurwati News : झुंझुनूं के गुढ़ा नगरपालिका के परली की ढाणी में आधा दर्जन मुर्गी फॉर्मों का अवैध तरीके से संचालन किया जा रहा है. इन मुर्गी फॉर्मों में ना तो पर्याप्त संसाधन है और ना ही नियमों की पालना की जा रही है. मुर्गी फॉर्मों में चूजे तैयार किए जाते हैं. इसी प्रक्रिया के दौरान मृत हुए चूजों को खुले में ही डाला जा रहा है.
मुर्गी फॉर्मों के अपशिष्ट को भी खुले में डाला जाता है. जिसके कारण इन पर मक्खियां मंडराती रहती है. साथ ही खुले में अपशिष्ट डालने के कारण वातावरण पूरी तरीके से दूषित हो रखा है. मुर्गी फॉर्मों से फैली गंदगी से परेशान ढाणी परली के बाशिंदों ने नगर पालिका से लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को अवगत करवाया लेकिन मगर प्रशासन कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति कर वापस लौट आता है.
ढाणी में खुले में पड़े अपशिष्ट के चलते लगातार मक्खियां इन पर मंडराती रहती है और लगातार मक्खियों से बीमारियां फ़ैल रही हैं. ढाणी में आए दिन कोई ना कोई बीमार रहता है. लम्पी वायरल के संक्रमण का खतरा भी यहां बढ़ रहा है. उपखंड प्रशासन के अधिकारियों को बिना स्वीकृति के अवैध रूप से संचालित हो रहे मुर्गी फॉर्मों को लेकर अवगत करवाया गया. मगर प्रशासन की अनदेखी के चलते अवैध मुर्गी फॉर्मों का संचालन कर रहे लोगों के हौंसले बुलंद हैं.
ढाणी के लोगों ने बताया कि लगातार मक्खियों के मंडराने के चलते उनका खाना खाना भी दूभर हो गया है. लगातार मक्खियां मंडराती रहती है. वहीं मृत चूजों को खुले में डालने के कारण आवारा कुत्ते इन चीजों को लेकर ढाणी में पहुंच जाते हैं. रात के समय वातावरण और अधिक दूषित हो जाता है. रात के समय लोगों की सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों ने बताया कि रात के समय दम घुटने लगता है.
ढाणी के लोगों ने बताया कि अगर सेफ्टी के साथ इनका संचालन किया जाता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. मुर्गी फॉर्मो को अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है. साथ ही नियमों की भी अनदेखी की जा रही है. सही तरीके से अपशिष्ट का निस्तारण नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते वातावरण पूरी तरीके से दूषित हो चुका है.
मक्खियों और गंदगी के कारण ढाणी के लिए वाशिन्दों का खाना खाना भी दूभर हो जाता है. ऐसे वातावरण में उनके बच्चे और पशु भी बीमार रहने लगे हैं. ग्रामीणों ने स्थानीय स्तर पर इससे बचने को लेकर उपाय शुरू कर रखे हैं. वो अपने स्तर पर स्प्रे करते हैं. जिससे मक्खियों से छुटकारा मिल सके.
रिपोर्टर- संदीप केड़िया