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झुंझुनूं: शहर के चारों ओर से बन रहे एक बाईपास को लेकर अधिकारी बड़ा खेला करने की तैयारी में है, जिन जगहों से होकर बाईपास का निर्माण होना है. करीब 10 से 12 किलोमीटर के एरिया में जमीन को अवाप्त कर लिया गया है. प्रभावितों को मुआवजा दिया जा चुका है. मुआवजा मिलने के बाद प्रभावित ने एनएचएआई के आदेशों के मुताबिक, अपने निर्माण भी करवा लिए, लेकिन अब अधिकारी वापिस इन प्रभावित के निर्माण कार्यों को तोड़ने पर उतारू हो रहे हैं. जिससे नाराज प्रभावित परिवारों ने आरटीआई कार्यकर्ता यशवर्धन सिंह शेखावत के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया.
पीड़ित परिवारों ने नितिन गडकरी के नाम सौंपा ज्ञापन
पीड़ित परिवारों ने केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. साथ ही कलेक्टर से भी मांग की है कि झुंझुनूं स्तर पर जो अधिकारी मिलीभगत करके प्रभावित परिवारों को फिर से परेशान करने पर उतारू हैं. उन पर कार्रवाई की जाए. शेखावत ने बताया कि एनएचएआई झुंझुनू शहर के चारों ओर एक बाईपास का निर्माण कर रहा है. जिसके लिए विस्तृत सर्वेक्षण किया गया था और भूमि का सीमांकन किया गया था. सीमांकन के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर मुआवजा राशि भू-स्वामियों के खातों में हस्तांतरित कर दी गई.
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इन सारी औपचारिकताएं को पूरी करने के बाद टेंडर निकाले गए और सबसे कम बोली लगाने वाली फर्म को काम दे दिया गया, लेकिन अब काम शुरू होने से ठीक पहले, बिना किसी सूचना के अचानक बायपास का अलाइनमेंट (संरेखण) बदल दिया गया है. इस बदलाव के कारण एनएचएआई को नई जमीन का अधिग्रहण करना होगा और नए भूस्वामियों को फिर से मुआवजा देना होगा, जबकि पहले वाले नक़्शे के अनुसार जिनकी ज़मीन अधिग्रहित होनी थी. उनको पूरा मुआवजा मिल भी चुका है.
नए अलाइनमेंट ने प्रभावितों की उड़ाई नींद
इस नए अलाइनमेंट ने प्रभावितों की नींद उड़ा रखी है. जिन लोगों ने पिछले सीमांकन के बाद घरों, सीमाओं आदि का निर्माण किया है, वे इस नए संरेखण से 10 गुना अधिक प्रभावित होंगे तथा उनका बहुत आर्थिक नुकसान होगा. यह एनएचएआई के साथ-साथ झुंझुनूं शहर के निवासियों के लिए दोहरा नुक़सान है. यह सरकारी खजाने की बर्बादी के साथ-साथ झुंझुनूं शहर के निवासियों के लिए एनएचएआई द्वारा संरेखण के मनमाने ढंग से परिवर्तन के कारण गंभीर वित्तीय झटका है. जिसकी जांच कर पीड़ितों को राहत देने की मांग की गई है. इस मौके पर राधेश्याम सैनी, मगोतीदेवी, बजरंगलाल सैनी व प्रभुदयाल शर्मा समेत अन्य मौजूद थे.