Jaisalmer: एक शिक्षक ऐसा भी! जिसकी विदाई में छलक पड़े छात्रों के आंसू, बड़ी संख्या में ग्रामीण भी पहुंचे
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Jaisalmer: एक शिक्षक ऐसा भी! जिसकी विदाई में छलक पड़े छात्रों के आंसू, बड़ी संख्या में ग्रामीण भी पहुंचे

Jaisalmer: जैसलमेर में एक शिक्षक ऐसा भी है जिसकी विदाई में छात्रों के आंसू छलक पड़े. विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण भी पहुंचे.

Jaisalmer: एक शिक्षक ऐसा भी! जिसकी विदाई में छलक पड़े छात्रों के आंसू, बड़ी संख्या में ग्रामीण भी पहुंचे

Jaisalmer: यूं तो सरकारी विभागों में कार्मिकों के लिए सेवानिवृत्ति एक प्रक्रिया है. लेकिन कुछ कर्मचारी ऐसे होते हैं जो विभागीय कार्यों के अलावा स्थानीय लोगों के साथ अपने व्यवहार के चलते इतने प्रगाढ़ हो जाते हैं कि जब वो वहां से सेवानिवृत्त होकर जातें हैं तो स्थानीय लोग उनकी विदाई पर इतने भावुक हो जाते हैं, जैसे उनके परिवार से किसी सदस्य के सेवानिवृत्ति पर विदाई दे रहे हैं. बुधवार को भी जैसलमेर के लाठी कस्बे में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पिछले 28 सालों से सेवा दे रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कि सेवानिवृत्ति के मौके पर आयोजित विदाई समारोह में यहीं सब देखने को मिला.

दरअसल, लाडू खां कस्बे में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर सेवारत हैं. पिछले 28 साल से अधिक समय से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लाठी में सेवाएं दे रहे थे. बुधवार को विद्यालय में विद्यालय व ग्रामीणों कि ओर से उनके सेवानिवृत्ति पर विदाई कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि सरपंच महेंद्र चावला, विशिष्ट अतिथि एसएमसी अध्यक्ष नेमीचंद दर्जी, उपसरपंच भारस खां, सामाजिक कार्यकर्ता अजीज खां, अमानाराम मेघवाल, सामाजिक कार्यकर्ता शिवरतन पंवार उपस्थित रहे.

वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के संस्था प्रधान बृजेश कुमार ने की. कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक अनिल शर्मा ने किया. कार्यक्रम के दौरान वर्षों से अपने बीच रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लाडूखान की विदाई पर उपस्थित मेहमानों, ग्रामीणों और विद्यालय के स्टाफ व छात्रों ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया. आयोजित विदाई समारोह में विद्यालय के छात्र अपने आसुओं को नहीं रोक पाए और भावुक होकर रोने लगे. इस दौरान खुद लाडूखां भी विदाई लेते समय काफी भावुक होकर रोने लग गए.

विद्यालय के संस्था प्रधान बृजेश कुमार ने बताया कि सालों तक एक साथ काम करने के बाद एक ऐसा समय भी आता है जब हमें उन्हें विदाई देना पड़ता है.विदाई का ये मतलब यह नहीं कि वे हमसे दूर हो गए,भले वे कार्य स्थल पर न रहे परंतु उनकी काम हमेशा याद किए जाऐंगे.सामाजिक कार्यकर्ता शिवरतन पंवार ने कहां कि बेहद सरल व मृदु स्वभाव के लाडू खां द्वारा विद्यालय के कार्यो को गति देने में अपना विशेष योगदान दिया गया.ऐसे में विदाई पर भावुक होना स्वभाविक है.विदाई समारोह के दौरान विद्यालय के वरिष्ठ सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.

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