Rajasthan News: अब निजी अस्पतालों को भी देनी होगी मातृ-शिशु सेवाओं की प्रगति रिपोर्ट, स्वास्थ्य विभाग का आदेश
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Rajasthan News: अब निजी अस्पतालों को भी देनी होगी मातृ-शिशु सेवाओं की प्रगति रिपोर्ट, स्वास्थ्य विभाग का आदेश

Rajasthan News: राजस्थान के निजी अस्पतालों को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक परिपत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं, जिसके तहत अब निजी अस्पतालों को भी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति रिपोर्ट हर माह पीसीटीएस सॉफ्टवेयर में दर्ज करनी होगी.

Medical and Health Department Meeting Zee Rajasthan

Rajasthan News: प्रदेश के निजी अस्पतालों को भी अब मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति रिपोर्ट हर माह पीसीटीएस सॉफ्टवेयर में दर्ज करनी होगी. वहीं, जिन निजी अस्पतालों की मासिक रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी, उन अस्पतालों की समीक्षा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में की जाएगी.  इसको लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक परिपत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. 

पीसीटीएस पोर्टल एवं यूविन पोर्टल पर अपडेट करना जरूरी 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में संचालित कुछ ही अस्पतालों की ओर से अभी तक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की रिपोर्ट पीसीटीएस पोर्टल पर दर्ज की जा रही थी. प्रत्येक जिले के लक्ष्य अनुमानित जनसंख्या के आधार पर आवंटित किए जाते हैं. निजी क्षेत्र में संचालित अस्पताल भी इसी जनसंख्या में से गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं शिशुओं को टीकाकरण व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. इसे देखते हुए निजी अस्पतालों की ओर से दी जा रही समस्त सेवाओं की रिपोर्ट, लाइन लिस्ट, पीसीटीएस पोर्टल एवं यूविन पोर्टल पर अपडेट किया जाना आवश्यक है.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश
आरसीएच निदेशक डॉ. सुनीत सिंह राणावत एवं इंडियन मेडिकल एसोसियेशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रजनीश शर्मा के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी परिपत्र में निर्देश दिए गए है कि निजी अस्पतालों को पोर्टल पर एएनसी रजिस्ट्रेशन, 12 सप्ताह पूर्व एएनसी रजिस्ट्रेशन, प्रसव पूर्व 4 जांच, टी.डी., संस्थागत प्रसव, पूर्ण टीकाकरण, नसबंदी, पीपीआईयूसीडी निवेशन एवं आईयूडी निवेशन की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करनी होगी. डॉ. राणावत ने बताया कि पीसीटीएस एवं यूविन पोर्टल में प्रत्येक निजी अस्पताल नजदीकी राजकीय चिकित्सा केन्द्र के साथ मैप किया हुआ है, जिन निजी अस्पतालों की मासिक रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी, उन अस्पतालों की समीक्षा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में की जाएगी. 

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