Rajendra Rathore News: राजस्थान में मतदान (Rajasthan election 2023) सम्पन्न होने के बाद प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीनों में बंद हो गया और तीन दिसम्बर को ही तय होगा कि कौन जीता, किसकी हार हुई. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता जीत के दावे कर रहे हैं.
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Jaipur Rajendra Rathore News: राजस्थान में मतदान (Rajasthan election 2023) सम्पन्न होने के बाद प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीनों में बंद हो गया और तीन दिसम्बर को ही तय होगा कि कौन जीता, किसकी हार हुई. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता जीत के दावे कर रहे हैं.
इस बीच नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने दावा किया कि बीजेपी 135 सीट से ज्यादा ही जीतकर सरकार बनाएगी. वहीं कांग्रेस नेता नरेंद्र बुढ़ानियां के आरोपों को खारिज करते हुए राठौड़ ने कहा कि उनमें कोई दम नहीं है.
भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बढा हुआ मतदान प्रतिशत सरकार के खिलाफ है. सीएम की गारंटियों पर जनता ने विश्वास नहीं किया. जनता सरकार को उखाड़ना चाहती है. मैं विश्वास से कह सकता हूं कि भाजपा 135 सीट से ज्यादा सीट जीत कर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी.
सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग किया गया, लेकिन मतदाता अटल रहा. जब जब मतदान का प्रतिशत बढ़ा है तब तब सरकार के खिलाफ एंटिइनकमबेंसी होती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान कि बीजेपी को बाड़ाबंदी की जरूरत पड़ेगी पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मैं कहता हूं कि सरकार रिपीट नहीं डिलीट होगी.
रही बात बाड़ाबंदी की तो बाड़ाबंदी जरूरत जब पड़ती है जब संख्या बहुमत से कम हो, बीजेपी प्रचंड बहुमत ले रही है, ऐसे में बाड़ाबंदी की जररूत नहीं है, यह सब कपोल कल्पित हैं. राठौड़ ने सीएम गहलोत के जीत के दावे पर कहा कि नाई नाई बाल कितने बाल सामने आ जाएंगे की कहावत ठीक बैठ रही है. एक सप्ताह बाद सारे रिजल्ट सामने आ जाएंगे। लोगों पर मोदी का जादू सर चढ़कर बोल रहा है, वहीं कांग्रेस कुराज का खात्मा हो रहा है.
राठौड़ ने तारानगर विधानसभा क्षेत्र में उनके चुनाव में मुद्दों को लेकर कहा कि बिजली, पानी, कानून व्यवस्था, पेपरलीक सहित सारे मुद्दे बनें. क्षेत्र में नहर की घोषणा कागजों में सिमटी रह गई.सरकार की ओर से थोथी घोषणाएं की गई, चुनाव परिणाम में इनका असर दिखेगा.
कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक नरेंद्र बुढानियां के दावों को दरकिनार करके राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि उनके इलेक्शन एजेंट के कार्यालय में धावा बोला गया. आरोप लगाया कि नोट बांटे गए, जबकि जांच में ऐसी बात नहीं आई.
राठौड़ ने कहा कि मैं पहला चुनाव नहीं लड़ा रहा हूं।. बुढ़ानियां के आरोपों में दम नहीं है. अफसर उनके कारिंदे बनकर बनकर काम कर रहे थे, उनको भी भुगतना करना पडे़गा. जिस हालात में वातावरण तैयार कर रखा था उसे तोड़ने गया था. सीट बदलने में को लेकर कहा कि कार्यकर्ताओं ने बुलाया, कोई दूसरा अपनी सीट बदलकर तो दिखाए. इस सीट से पहले भी चुनाव लड़ चुका हूं.