Rajasthan News: अगर हम आपसे पूछें कि भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है, तो शायद आप इस सवाल का जवाब देने में फेल हो जाएंगे. दरअसल पियर्सन ग्लोबल इंग्लिश प्रोफिशिएंसी ने 6 जनवरी 2025 को एक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोलने के मामले में दिल्ली आगे है.
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Rajasthan News: अगर हम आपसे पूछें कि भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है, तो शायद आप इस सवाल का जवाब देने में फेल हो जाएंगे. जी हां हम में से ज्यादातर लोगों को ये नहीं पता है कि किस राज्य में अंग्रेजी भाषा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. तो आज हम आपके लिए इस सवाल का सही जवाब लेकेर आए हैं.
दरअसल पियर्सन ग्लोबल इंग्लिश प्रोफिशिएंसी रिपोर्ट 2024 में यह खुलासा हुआ है कि इंग्लिश बोलने के मामले में भारत वैश्विक औसत से ऊपर है. यह रिपोर्ट 6 जनवरी 2025 को जारी की गई. जिसमें भारत, फिलीपींस, जापान, मिस्र, कोलंबिया और यूरोप में इंग्लिश प्रोफिशिएंसी ट्रेंड्स का इन-डेप्थ विश्लेषण किया गया है.
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत का एवरेज इंग्लिश स्किल स्कोर-52, ग्लोबल एवरेज इंग्लिश स्किल स्कोर-57 से कम है, लेकिन भारत का औसत अंग्रेजी बोलने का स्कोर-57 है, जो ग्लोबल औसत-54 से ज्यादा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अंग्रेजी लिखने के मामले में भारत का औसत स्कोर-61 वैश्विक औसत स्कोर-61 के बराबर है.
पियर्सन ग्लोबल इंग्लिश प्रोफिशिएंसी रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोलने के मामले में दिल्ली आगे है. अंग्रेजी बोलने के मामले में दिल्ली-63 स्कोर के साथ प्रथम पर है. उसके बाद सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोलने के मामले में दूसरे स्थान पर राजस्थान-60 पर है और तीसरे स्थान पर पंजाब-58 पर है.
जारी रिपोर्ट के अनुसार भारतीय बिज़नेस लीडर जानते हैं कि इंग्लिश स्किल का सटीक परीक्षण मिस-हायर की लागत को कम करता है और क्रेडिबिलिटी को सुरक्षित करता है. खासतौर पर जब हायरिंग बड़े पैमाने पर हो रही हो. भारत में अंग्रेजी लिखने का एवरेज स्कोर-61 है, जो वैश्विक औसत से मिलजुलता है.
यह बढ़ते डिजिटल कम्युनिकेशन और ग्लोबल बिज़नेस कॉन्टेक्स्ट में लिखित अंग्रेजी की आवश्यकता के कारण लगातार सुद्धियों को दर्शाता है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में वित्त और बैंकिंग सेक्टर-63 के हाईएस्ट स्कोर के साथ सबसे आगे है, जो वैश्विक औसत-56 से अधिक है.
जबकि इसके विपरीत हेल्थकेयर का स्कोर सबसे कम-45 है, जो इसके तेजी से विस्तार और नौकरियों तक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान को एकत्रित करने से प्रभावित है और टेक, कंसल्टिंग और BPO जैसे अन्य क्षेत्र मजबूत प्रदर्शन दिखाते हैं.