पिछले कुछ वक्त में कोचिंग (coaching institute) ले रहे या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं में नाकाम होने पर आत्महत्या (Suicide) कर लेने के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. जिन पर लगाम लगाने की कोशिश राजस्थान में की जा रही है, जिसके लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot ) ने मानसिक सम्बलन सुरक्षा प्रदान करने के लिए गाइडलाइन्स-2022 को स्वीकृति दे दी है.
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Jaipur News , जयपुर : थ्री इडिंयट (three idiots) फिल्म आपने देखी होगी, जिसमें सबसे पहले स्टूडेंट्स (Students) के मेंटल प्रेशर को बहुत ही खूबसूरती से दिखाया गया था और लोगों को समझाने की कोशिश की गयी थी कि पढ़ाई ही सबकुछ नहीं है और हर बच्चा आइंस्टाइन नहीं होता, सबके अंदर अपनी खूबी होती है. ये ही बात अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) राजस्थान के स्टूडेंट्स को समझाने की कोशिश कर रहे हैं.
राजस्थान में कोचिंग कर रहे विद्यार्थियों में आत्महत्या की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के मक़सद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनशील निर्णय किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत या फिर निवासरत विद्यार्थियों को मानसिक सम्बलन सुरक्षा प्रदान करने के लिए गाइडलाइन्स-2022 को स्वीकृति दी है. इस स्वीकृति से कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को एक तनावमुक्त और सुरक्षित माहौल मिल सकेगा.
गाइडलाइन्स में विद्यार्थियों पर प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण उत्पन्न हुए मानसिक तनाव और अवसाद के निराकरण के लिए मनोचिकित्सकीय सेवा प्रदान की जाएगी. इसके अलावा प्रवेशित छात्रावासों में निवास करने वाले विद्यार्थियों की पूर्ण सुरक्षा, विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की व्यवस्थाएं, जिला प्रशासन स्तर पर पर्याप्त निगरानी तंत्र की स्थापना, कोचिंग छात्र-छात्राओं के लिए सुविधा केन्द्र, साफ-सफाई का बेहतर प्रबंधन, कोचिंग संस्थानों के स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही, कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के लिए आमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन होगा.
विद्यार्थियों की दिनचर्या में साइबर कैफे की सुविधा को भी शामिल करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. गाइडलाइन्स में कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को आईआईटी एवं मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण ना होने की स्थिति में उपलब्ध करिअर विकल्पों के बारे में बताया जाएगा. इसके अतिरिक्त संस्थान छोड़ने की स्थिति में ईजी एक्जिट पॉलिसी एवं फीस रिफण्ड का प्रावधान किया गया है.
गाइडलाइन्स के तहत एक कम्पलेन्ट पोर्टल का निर्माण किया जाएगा. साथ ही, नई गाइडलाइन्स में कोचिंग सेंटर के सभी कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा. आवासीय कोचिंग संस्थानों में सभी प्रकार के मूवमेंट का डाटा संधारित करने का प्रावधान भी गाइडलाइन्स में शामिल है. कोचिंग संस्थानों में किसी भी प्रकार की मिथ्या प्रचार की रोकथाम की व्यवस्था गाइडलाइन्स में की गई है. इन दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करने पर कोचिंग संस्थानों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी.
कोचिंग संस्थानों के गाइडलाइन्स का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है. इसमें उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, मेडिकल शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. इसके अतिरिक्त गाइडलाइन्स के अंतर्गत प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ अभिभावकों, कोचिंग संस्थानों, एनजीओ के प्रतिनिधि एवं मनोवैज्ञानिक और मॉटिवेशनल स्पीकर और जिले के अतिरिक्त जिला कलक्टर शामिल हैं.
गहलोत ने प्रदेश के कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के की जा रही आत्महत्याओं की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कोचिंग संस्थानों के प्रभावी नियमन के लिए बनाए गए ‘राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक-2022' के लागू होने तक उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में उक्त गाइडलाइन्स को मंजूरी दी है.