Jaipur News: राजस्थान में ED के धमाके से पहले जल भवन में बड़ा खेल, बोरो में भरकर फाइले - दस्तावेज गायब
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Jaipur News: राजस्थान में ED के धमाके से पहले जल भवन में बड़ा खेल, बोरो में भरकर फाइले - दस्तावेज गायब

jal jeevan mission Scam : राजस्थान में जल भवन में छुट्टी के दिन जलदाय मुख्यालय से फाइले- दस्तावेजों का गायब किया गया. बोरे भरकर भ्रष्टाचार की राज को छुपाने का प्रयास किया जा गया. ये पूरा कांड सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. 

Jaipur News: राजस्थान में ED के धमाके से पहले जल भवन में बड़ा खेल, बोरो में भरकर फाइले - दस्तावेज गायब

 jal jeevan mission Scam, Jaipur News: राजस्थान में ED के धमाके से पहले जल भवन में बड़ा खेल हुआ. छुट्टी के दिन जलदाय मुख्यालय से फाइले- दस्तावेजों का गायब किया गया. बोरे भरकर भ्रष्टाचार की राज को छुपाने का प्रयास किया जा गया. ये पूरा कांड सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. आखिर जलदाय विभाग में कैसे घोटालों की फाइलों का ठिकाने लगा रहे है. 

पीएचईडी का दिवाला निकाल दिया

ये तस्वीर है,जलदाय मुख्यालय जलभवन की, जिसमें आपको ऐसा लग रहा होगा कि दीवाली की सफाई के लिए इन बोरों को निकाला जा रहा है.लेकिन ये दीवाली ही सफाई नहीं, बल्कि इन बोरों में पीएचईडी का दिवाला निकाला दिया. जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के ठिकानों पर ईडी के छापे से पहले फाइलों और दस्तावेजों को ठिकाने लगाया. ED की रेड से 5 दिन पहले जलभवन में इंजीनियर्स और कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरा खेल चला.ये खेल भी तब हुआ जब रविवार का दिन था.

कहां ठिकाने लगाई फाइले?

ED ने 29 अक्टूबर को जेजेएम में 900 करोड के भ्रष्टाचार को लेकर 26 ठिकानों पर छापे मारे थे,जिसमें से एक जलभवन भी था. जहां चीफ इंजीनियर शहरी केडी गुप्ता और चीफ इंजीनियर स्पेशल प्रोजेक्ट दिनेश गोयल के दफ्तर में रेड पडी. ये वीडियों दिनेश गोयल के सेक्शन का है, जहां छुट्टी के दिन बोरों में फाइले गायब की गई.

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सवाल ये है कि बोरों में भरकर इन फाइलों का कहां ठिकाने लगाया.सोशल मीडिया पर वीडियों वायरल होने के बाद चर्चाएं तेज हो गई है कि क्या भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए इन फाइलों- दस्तावेजों को ठिकाने लगाया. इस संबंध में हमने चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल से भी बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन नहीं लगा. इसके अलावा उनके दफ्तर में बातचीत की, लेकिन वो दफ्तर में नहीं थे.

क्या ! साजिश रची गई

अब सवाल ये है कि क्या ED इन तथ्यों की भी जांच करेगी कि छापेमारी के बीच फाइलों का क्यों और कहां ठिकाने लगाया. क्या छापों के बीच अफसरों ने नेताओं और खुद को बचाने के लिए फाइलों को ठिकाने लगाने के लिए साजिश रची गई?

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