Jaipur News: जलदाय विभाग में सबसे सीनियर टेक्निकल पद पर पाबंदी लगा दी है. PHED में अतिरिक्त सचिव पर फाइनेंस कमेटी की मीटिंग में जाने पर रोक लगा दी है.
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Jaipur News: जलदाय विभाग में सबसे सीनियर टेक्निकल पद पर पाबंदी लगा दी है. PHED में अतिरिक्त सचिव पर फाइनेंस कमेटी की मीटिंग में जाने पर रोक लगा दी है. चीफ इंजीनियर-कम-अतिरिक्त सचिव संदीप शर्मा नहीं FC की मीटिंग में शामिल नहीं हो सकते.
PHED में ब्यूरोक्रेट, टेक्नोक्रेट के बीच टकराव के हालात बन गए है. विभाग में इंजीनियरों की ताकत बढ़ाने के लिए चीफ इंजीनियर-कम-अतिरिक्त सचिव का नया पद सृजित किया गया. लेकिन विभाग अतिरिक्त सचिव को फाइनेंस कमेटी (एफसी) की बैठक शामिल होने पर पाबंदी लगा दी.
पहले इन्हें एफसी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया था, लेकिन 15 दिन बाद ही पूर्व आदेश पर रोक लगा दी गई. वर्तमान में विभाग में चीफ इंजीनियर-कम-अतिरिक्त सचिव संदीप शर्मा है. बोर्ड के सचिव ललित करोल का कहना है कि सक्षम स्तर से अनुमोदन के बाद ही आदेश जारी किया है. पिछले सालों में कई बड़ी कंपनियों के पेयजल योजना, प्रोजेक्ट में देरी के बाद भी करोड़ों रुपए की पेनल्टी माफ कर दी गई. इसको लेकर शिकायतें भी हुई, लेकिन इनकी जांच नहीं हुई.
एफसी की बैठकों में ही टेंडर, वर्कऑर्डर को लेकर निर्णय होते है. इसके साथ ही ठेकेदारों पर पेनल्टी लगाने व छूट देने के फैसले भी इसी कमेटी में होते है. इसके साथ ही टेंडर लेने वाली फर्म की योग्यता, तकनीकी अनुभव प्रमाण पत्र सहित अन्य मामलों को लेकर भी एफसी ही अंतिम निर्णय लेती है.
फाइनेंस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता विभाग के प्रमुख सचिव करते है. विभाग प्रमुख सचिव भास्कर ए. सावंत और जेजेएम एमडी कमर उल जमान चौधरी हैं. अतिरिक्त सचिव के टेक्निकल मामलों के जानकार होने की वजह से एफसी की कमान इन्हें देने के लिए भी लॉबिंग हो रही है. पूर्व चीफ इंजीनियरों का कहना है कि फाइनेंस कमेटी में अधिकांश तकनीकी मामले होते है, ऐसे में अंतिम राय अतिरिक्त सचिव की रखी जानी चाहिए.