पार्षदों से चर्चा के बाद मंजूर कर बजट सरकार के पास भेजने की कोशिश-मेयर सौम्या गुर्जर
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पार्षदों से चर्चा के बाद मंजूर कर बजट सरकार के पास भेजने की कोशिश-मेयर सौम्या गुर्जर

Jaipur News: शहरी सरकार का बजट सदन में पारित करवाने के बाद 15 फरवरी तक राज्य सरकार के पास भिजवाना है, लेकिन विधानसभा बजट सत्र होने के चलते बैठक बुलाने को लेकर संकट के बादल मंडरा रहे है. 

 

पार्षदों से चर्चा के बाद मंजूर कर बजट सरकार के पास भेजने की कोशिश-मेयर सौम्या गुर्जर

Jaipur: शहरी सरकार का बजट सदन में पारित करवाने के बाद 15 फरवरी तक राज्य सरकार के पास भिजवाना है, लेकिन विधानसभा बजट सत्र होने के चलते बैठक बुलाने को लेकर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. नगर निगम मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर इसके लिए विधायकों को पत्र लिखकर बोर्ड बैठक बुलाने की अनुमति मांगने की कवायद शुरू कर दी हैं. सरकार के आदेश के मुताबिक नगर निगम को अपना वित्त वर्ष 2023-24 का बजट सदन से पास करके 15 फरवरी तक भिजवाना है.

15 फरवरी तक अगर सदन में पास नहीं होता तो बजट प्रस्ताव नगर निगम कमिश्नर के जरिए सीधे सरकार को भिजवाया जाएगा. विधानसभा का बजट सत्र चलने के कारण नगर निगम की साधारण सभा बुलाने के लिए विधायकों की विशेष अनुमति लेना जरूरी है. मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बजट साधारण सभा में रखकर सभी पार्षदों से उस पर चर्चा के बाद मंजूर करके सरकार को भिजवाया जाए. इसके लिए हमने पिछले दिनों व्यापार संगठनों व अन्य समाज के लोगों से बजट के लिए सुझाव भी मांगे थे.अब साधारण की बैठक बुलाने के लिए हम विधायकों को पत्र लिखकर उनसे अनुमति लेंगे.

अगर अनुमति मिलेगी तो हम जल्द बैठक बुलाएंगे.नगर पालिका अधिनियम में प्रावधान है कि निकायों में साधारण सभा की बैठक बुलाने से पहले पार्षदों और उस निकाय एरिया में आने वाली विधानसभा और लोकसभा के सदस्यों को 7 दिन का नोटिस देने पड़ता है. सभी विधायकों के अलावा सांसदों से भी अनुमति लेनी होती है.विधानसभा और लोकसभा का सत्र जब चलता है विधायकों से अनुमति मिलना मुश्किल होता है.स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर निगमों को आदेश जारी किया है. इसमें सभी निकायों को अपना-अपना बजट पास करके सरकार को 15 फरवरी तक भिजवाने के लिए कहा गया है. 

जयपुर नगर निगम ग्रेटर ने पिछले साल भी अपना बजट साधारण सभा में न रखकर सीधे सरकार को भिजवाया था.पिछले साल 2021-22 में नगर निगम ग्रेटर में मेयर के पद पर विवाद के चलते साधारण सभा नहीं बुला सके थे.1 फरवरी तक कार्यवाहक मेयर के तौर शील धाबाई कुर्सी पर थी.लेकिन 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सौम्या गुर्जर ने वापस मेयर की कुर्सी संभाली थी.इस कारण बजट प्रस्ताव को सदन में न रखकर सीधे सरकार को कमिश्नर के जरिए भिजवाया गया था. उस समय नगर निगम ग्रेटर से 889 करोड़ के बजट को वित्त समिति चेयरमैन और मेयर की मंजूरी के बाद भिजवाया था.वहीं पिछले 9 महीनों (अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक) में ग्रेटर निगम को 117.35 करोड़ रुपए की कुल आय हुई. ऐसे में संभावना है कि इस बार बजट 1 हजार करोड़ रुपए से ऊपर का हो सकता है.

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