ब्लैक एंड व्हाइट जमाने के 100 साल पुराने 28 असुरक्षित डैम,बांधों में दरारें,हादसों को न्यौता
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1642798

ब्लैक एंड व्हाइट जमाने के 100 साल पुराने 28 असुरक्षित डैम,बांधों में दरारें,हादसों को न्यौता

जयपुर न्यूज:  ब्लैक एंड व्हाइट जमाने के 100 साल पुराने 28 असुरक्षित डैम के बारे में आपको जानकारी देते हैं. इन बांधों में दरारें आ चुकी हैं. साथ ही कभी भी कोई भी हादसा होने की संभावना है.

ब्लैक एंड व्हाइट जमाने के 100 साल पुराने 28 असुरक्षित डैम,बांधों में दरारें,हादसों को न्यौता

Jaipur: अक्सर जब-जब बारिश होती है,तब-तब बांधों में पानी का जिक्र जरूर किया जाता है.लेकिन आज हम आपको मानूसन से पहले असुरक्षित बांधों की रिपोर्ट बता रहे हैं. जो जल संसाधन विभाग विभाग को सोचने पर मजबूर करेगा.

आज आपको राजस्थान के 100 साल से ज्यादा पुराने बांधों के बारे में बताते हैं. इन बांधों ने अपने जमाने में खूब प्यास बुझाई पर अब ये बांध बुजुर्ग हो चुके हैं.राजस्थान के 28 बांधों ने अपने 100 बरस पूरे कर लिए है.लेकिन इसके बावजूद इन बांधों को जल संसाधन विभाग रिटार्यड नहीं कर रहे हैं या फिर इनका जीर्णोद्धार नहीं किया जा रहा है. अक्सर बांधों की उम्र 100 साल मानी जाती है. जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर रवि सौलंकी का कहना है कि हमने सर्वे करवाकर 36 पुराने बांध चिंहित करवाए हैं.वर्ल्ड बैंक से स्वीकृति के बाद बांधों के जीर्णोद्धार का काम किया जाएगा,जिसके बाद ये बांध सुरक्षित होंगे.

सबसे उम्रदराज उदयसागर बांध

मरूधरा में सबसे उम्रदराज बांध उदय सागर की बेडच नदी पर 1585 में बनाया.इसके अलावा बुजुर्ग बांधों में राजसमंद बांध गोमती बनास नदी पर 1671 से शुरू किया गया था.प्रदेश में सत्रवीं सदी के दो बांध जिसमे जयसमंद 1730,स्वरूप सागर 1795 में निर्माण हुआ था.

बांधों में दरारें,हादसों को न्यौता

100 वर्ष से भी अधिक पुराने बांधों में अब दरारे आने लगी हैं और इन बुजुर्ग बांधों से कभी भी हादसे हो सकते है.जयपुर के कूकस बांध की बात करें तो डैम की दीवारों पर दरारें ही दरारें दिखाई दे रही हैं. डैम के गेट पर ये भी लिखा था कि बांध क्षेत्र में मदिरा पान करना सख्त मना है,लेकिन डैम क्षेत्र में शराब की बोतले भी साफ देखी जा सकती हैं.

100 बरस के बुजुर्ग बांध सबसे ज्यादा बाणगंगा पर

100 बरस के बुजुर्ग बांधों में सबसे ज्यादा डैम बाणगंगा नदी पर बने हुए है.बाणगंगा नदी पर 5 बांधों का निर्माण किया गया था.जिसमें जयसमंद बांध,चंद्रना,माधो सागर,सैंथल सागर,रामगढ बांध बना हुआ है.पुराने बांधों के सवालों पर जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर रवि सौलंकी का कहना है कि जो बांध पुराने हो गए है उन बांधों के लिए विशेष योजना शुरू की गई है.189 बड़े बांध है,जिनका जीर्णोद्धार करवाकर उन्हें सुरक्षित किया जाएगा.चाहे गेट बदलने की बात हो या फिर किसी तरह से सुरक्षित की बात हो.

18वीं सदी में सबसे ज्यादा बूढ़े बांध

बांध   नदी   सन
बैराठ यमुना 1897

हिंगोनिया बांडी 1862
चन्द्रना बाणगंगा 1877

कलख सागर बंदी 1883
टोरडी सागर सोहाद्र 1887

माधो सागर बाणगंगा 1887
फतह सागर बेडच 1889

बुचरा सबी 1889
जसवंत सागर लूणी 1889

चपरवार बनास 1894
सैंथल सागर बाणगंगा 1898

19 वी सदी के अधिकतर बांध बुझा रहे अब भी प्यास

बांध             नदी            सन
उम्मेद सागर खारी 1917

कूकस लोकल नाला 1901
बांकली सूकड़ी 1904

नाहर सागर खारी 1909
जयसमंद बाणगंगा 1910

शील की डूंगरी बनास 1900
रामगढ़ बाणगंगा 1901

मंडल लोकल नाला 1903
सरदार समण्ड गुहिया 1905

हेमावास            बंधी 1911
ढील             मोरेल 1911

गोवटा             बनास 1917

ये भी पढ़ें-

Dungarpur news: अज्ञात वाहन और कार की जबरदस्त टक्कर, कार सवार दो युवकों की मौत, एक की हालत गंभीर

राजस्थान हाउसिंग बोर्ड का नया कीर्तिमान, RERA में 100 प्रोजेक्ट का रिकॉर्ड रजिस्टर्ड

 

 

Trending news